मुख्य अग्निशमन अधिकारी को नादर शाही के चलते नहीं मिली तैनाती
पद के दुरुप्रयोग का नतीजा, पैदल किये गये अग्निशमन अधिकारी
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। कई अग्निकांड की घटनाओं से प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के अग्निशमन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को सजगता से उन इमारतों पर नजर रखने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया था जिन्हें अग्निशमन के मानक के अनुसार नहीं बनाया गया था। जनपद में भी ऐसी कई इमारतें मौजूद हैं जो अग्निशमन विभाग के ढुलमुल रवैया के कारण संदेह की श्रेणी में आती है।
कुछ दिन पहले पवन नमकीन भंडार में आग लगने से लाखों रुपए का नुकसान हो गया। उसके पहले नरेश स्वीट्स में भी ऐसी घटना देखने को मिली। तेजस टूडे ने अग्निशमन विभाग के ऊपर कई प्रश्न चिन्ह लगाए और खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। तेजस टूडे ने की खबर को संज्ञान लेने को अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र चौबे को कई बार खबर के माध्यम से इमारतों पर ध्यान दिलाने का प्रयास किया गया लेकिन अग्निशमन अधिकारी का उदासीन रवैया बरकरार रहा जिसका नतीजा पवन नमकीन का शार्टशर्किट से हुआ अग्निकांड उदहारण है। ऐसी कई इमारतें रायबरेली में मौजूद है जो अग्निशमन विभाग के संरक्षण में होटल और शॉपिंग कंपलेक्स के रूप में खड़ी हैं जिनका कोई मानक ही नहीं है। यूपी सरकार द्वारा 37 अग्निशमन अधिकारियों का तबादला किया गया। उल्लेखनीय है कि रायबरेली में तैनात मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र चौबे को कोई नियुक्ति दी गई और उन्हें प्रतीक्षारत में रखा गया है। शायद उनकी कार्यप्रणाली से उच्च पद पर बैठे उनके विभागीय अधिकारी भी खुश नहीं है। शायद यहीं कारण है कि उनको उनको विभागीय कार्यों के प्रति उदासीनता का परिणाम कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।