न्यायालय के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ मुकदमा, अब थानेदार नहीं कर रहे गिरफ्तारी

न्यायालय के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ मुकदमा, अब थानेदार नहीं कर रहे गिरफ्तारी

कई मामलों में विवादित रह चुके हैं थाना इंचार्ज देवेंद्र अवस्थी
संदीप पाण्डेय
खीरों, रायबरेली। थानेदार किसी नेता के इशारे पर अगर थाना चलाएंगे तो क्षेत्र की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुए मुकदमे में आज तक थानाध्यक्ष के द्वारा गिरफ्तारी नहीं की गई। हम बात कर रहे हैं खींरो थाना की जहां के इंचार्ज देवेंद्र अवस्थी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं।

अभी हाल ही में बीते वर्ष 24 अक्टूबर को एक नाबालिग नेहा ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में मृतका के परिजनों ने विपक्षी देवेंद्र साहू, सविता और अंजू को आरोपी बताया हैं। आरोप है कि थाना इंचार्ज देवेंद्र अवस्थी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद परिजन विपक्षियों के खिलाफ न्यायालय गए। वहां पर न्यायालय के आदेश पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई जिससे परिजनों में आक्रोश है।

यह पहला मामला नहीं है देवेंद्र अवस्थी के ऊपर इससे पहले भी निहस्था सहकारी समिति में सचिव के साथ मारपीट करने वाले और सरकारी दस्तावेज को फाड़ने वाले नीलेंद्र सिंह नाम के दबंग को बचाने का आरोप भी है। लेकिन जान से मारने का ऑडियो वायरल होने के बाद खबर जब मीडिया में आई तो थाना इंचार्ज ने इस मामले में नीलेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया ।

लेकिन उसमें भी धाराओं में खेल करने का प्रयास किया। जब उच्च अधिकारियों ने इसमें हस्तक्षेप किया तब जाकर आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। अब यह नया प्रकरण जो एक नाबालिग दलित से संबंधित है, इसमें भी देवेंद्र अवस्थी के ऊपर आरोपियों को बचाने का आरोप परिजन लगा रहे हैं। इस मामले में भी देखना यह है कि थानाध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी का एहसास कब होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

थाना दिलाने में एक सत्ताधारी नेता का हाथ!
सूत्रों की माने तो चौकी इंचार्ज रहे देवेंद्र अवस्थी को थाना दिलाने में एक सत्ताधारी नेता का बड़ा हाथ है। उन्होंने देवेंद्र अवस्थी को अपने क्षेत्र का थाना दिलवा दिया। हालात यह है कि नेता जी के कहने पर ही देवेंद्र अवस्थी मुकदमा दर्ज करते हैं। अगर आरोपी नेता जी की चौखट में नाक रगड़ने वाला व्यक्ति है तो उसको अभयदान है। फिलहाल नेताओं के इशारे पर काम करने वाले पुलिसकर्मी आम जनता को न्याय कैसे दिलाएंगे एक बड़ा प्रश्न है।

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