बुंदेलखण्ड विवि बना राज्य का पहला एफएसएसएआई प्रमाणित विश्वविद्यालय

बुंदेलखण्ड विवि बना राज्य का पहला एफएसएसएआई प्रमाणित विश्वविद्यालय

मुकेश तिवारी
झांसी। भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का मुख्य कार्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण तथा खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, विक्री तथा आयात आदि को नियन्त्रित करना है ताकि मानव-उपभोग के लिये सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धि सुनिश्चित की जा सके। खाद्य पदार्थों से संबंधित सभी उद्योगों के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस कानूनी आवश्यकता है। चूँकि सरकारी विभाग और विश्वविद्यालय खाद्य पदार्थों की बिक्री नहीं करते हैं केवल प्रयोग और शोध के लिए खाद्य उत्पाद विकसित करते हैं, इसलिए इनके लिए यह लाइसेंस जरूरी नहीं होता है। उद्योगों द्वारा निर्मित खाद्य उत्पादों में प्रिजर्वेटिव की मात्रा अधिक होने की संभावना रहती है। उद्योग अकादमिक एकीकरण एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो एस के कटियार ने बताया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक जनता में विश्वविद्यालय से निर्मित खाद्य उत्पादों की मांग की जा रही है, इसलिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ़ फूड टेक्नोलॉजी एवं फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग विभाग ने एफएसएसएआई लाइसेंस के लिए आवेदन किया और इन विभागों को उपरोक्त प्राधिकरण ने लाइसेंस जारी कर दिया है जबकि अभी तक प्रदेश के किसी अन्य विश्वविद्यालय को यह लाइसेंस जारी नहीं हुआ है। अब विश्वविद्यालय के उक्त विभागों द्वारा खाद्य उत्पादों को एफएसएसएआई के दिशा निर्देशों के अनुसार निर्मित किया जाएगा जो पूर्ण रूप से स्वास्थ्यवर्धक एवं सुरक्षित होंगे। विश्वविद्यालय ने तय किया है कि मोटे अनाज से बने खाद्य उत्पाद आम जनता के लिए सप्ताह में एक दिन बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।

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