मल्लाह के रोकने के बाद भी नहीं उतरे यात्री संख्या से अधिक सवार होने से डूबी नाव
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। बाराबंकी व अयोध्या जिले की सीमा पर गोमती नदी के बिगनिया घाट पुल पर डूबी नाव महज 7 मीटर ही चली थी तभी अचानक नदी में डूब गई। मल्लाह को नाव डूबने की शंका पहले ही थी, वह बार-बार लोगों को नाव पर चढ़ने से रोक रहा था। पहले नाव पर 18 लोग सवार थे। उसके विरोध करने पर छह लोग उतरे। फिर भी मल्लाह सहित 13 लोग नाव पर सवार थे।
घटना की जानकारी होने पर दोनों घाटों पर दोनों तरफ के लोग दौड़ पड़े। डूबे लोगों में 9 लोग तैरना जानते थे, वह तैरकर निकल लिए। एक व्यक्ति का शव मवई थाना क्षेत्र के बादराज पुरवा घाट के पास बरामद हुआ। मल्लाहों व पुलिस के सहयोग से किसी तरह डूबी नाव बाहर निकाली गई। नाव पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी यहां पर 5 वर्ष पहले नाव पलटने से कांग्रेस नेता दयानन्द शुक्ल के भाई सहित दो लोगों की मौत हो गयी थी। बिगनिया घाट पर बन रहा पुल
यहां पर आए दिन नाव डूबने की घटना को होने वाली जन हानि को रोकने के विधायक रामचन्द्र यादव ने यह मुद्दा सदन में उठाया था। फिर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की कामाख्या भवानी में जनसभा में यह मुद्दा उठाते हुए पुल निर्माण की मांग की थी। उसी समय डिप्टी सीएम ने पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। पुल मौके पर निर्माणाधीन है। मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती नदी में हुए नाव हादसे को लेकर जिला प्रशासन को तत्काल मौके पर पहुंचकर बचाव और राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हादसे में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
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