लॉक डाउन के नाम पर फिर से शुरू हुई कालाबाजारी | #TejasToday
महंगा हुआ जर्दा व पान मसाला, प्रशासन क्यों नहीं लगा पा रहा अंकुश?
तेजस टूडे ब्यूरो युसूफ खान धौलपुर, राजस्थान। कोरोना के बढ़ते कहर व वीकेंड लॉक डाडन की घोषणा के साथ ही जिले में पान मसाला व जर्दे की कालाबाजारी फिर शुरू हो गई है। होल सेल व्यापारियों ने कई पान मसालों व जर्दो की अचानक कीमतें बढ़ा दी है। वहीं कुछ व्यापारियों ने बेचना ही बंद कर दिया जिसका असर खुदरा व्यापार पर देखने को मिल रहा है। उन्होंने भी उसी के हिसाब से अपनी दरें बढ़ा दी है। इधर ग्राहकों ने भी पान मसालों व जर्दों पर प्रतिबंध की आशंका से इधर-उधर की दुकानों से उनका स्टाक शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार जिले के होल सेल व्यापारियों ने ज्यादा बिकने वाले कुछ पान मसाला व उनके साथ के जर्दे का स्टाक कर उन्हें बेचना बंद कर दिया है जबकि कुछ पान मसाला के पैकेट में 30 से 40 रुपए ज्यादा लेना शुरू कर दिया है जिसके चलते खुदरा व्यापारियों ने भी इनकी दरें बढ़ा दी है। दुकानों पर 5 रुपए बिक्री के पान मसाला व जर्दे की कीमत 15 रुपए में दो तो कहीं 20 रुपए में 3 पाउच कर दी गई है। इसी तरह 10 रुपये की खैनी के भी दुकानदारों ने 12 से 15 रुपए वसूलना शुरू कर दिया है। पान मसालों व जर्दों की कालाबाजारी की वजह फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन की आशंका व इनकी फेक्ट्रियों में मजदूरों की कमी बताई जा रही है। दरअसल नाइट कर्फ्यू व वीकेंड लॉक डाउन के बाद सरकार का अगला कदम सम्पूर्ण लॉक डाउन होने की अफवाहों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है जिससे व्यापारियों को फिर से पिछले लॉक डाउन की तरह पान मसालों व जर्दों की कालाबाजारी से भारी व्यापार की उम्मीद है। लिहाजा उन्होंने इनका स्टाक शुरू कर दिया है। दूसरी वजह लॉक डाउन के डर से मजदूरों का फिर से शुरू हुआ पलायन भी बताया जा रहा है जिसकी वजह से पान मसाला की फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी होने से माल की सप्लाई फैक्ट्री से ही कम होना बताया जा रहा है।