वोट मांगने गये भाजपा विधायक पर हुआ हमला, बरसाये ईंट-पत्थर
ईंट-पत्थर से हुये हमले में क्षतिग्रस्त हुये गाड़ी के शीशे
अनिल कश्यप
हापुड़। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का प्रथम चरण 10 फरवरी को होने वाला है तो वहीं इसके चलते सभी पार्टियों के प्रत्याशी गांव गांव शहर शहर गली-गली जाकर प्रचार-प्रसार करने में लगे हुए हैं लेकिन जनपद हापुड़ में प्रचार-प्रसार का नजारा कुछ और ही दिखाई दे रहा है। बता दें कि बीते दिनों से सभी पार्टियों के प्रत्याशी गांव गांव व शहर की गलियों में अपनी पार्टी का प्रचार प्रसार कर वोट डालने की अपील कर रहे हैं लेकिन इस दौरान हापुड़ की तीनों विधानसभा क्षेत्र से किसी भी प्रत्याशी का विरोध होता सामने नहीं आया लेकिन भारतीय जनता पार्टी से सदर विधायक रहे विजयपाल आढ़ती का जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
बता दें कि पूर्व में भी सदर विधायक विजयपाल आढ़ती का ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध किया गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा विपक्षी नेताओं की साजिश बताकर उस विरोध को दबाने की कोशिश की गई लेकिन उसके बाद ताजा मामला हापुड़ के मोहल्ला चेनापुरी से सामने आया जहां अपनी पार्टी का प्रचार करने व अपनी जीत के लिए वोट मांगने निकले हापुड़ के सदर विधायक रहे व वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से हापुड़ विधानसभा 59 के प्रत्याशी विजयपाल आढ़ती का मोहल्ला चौनापूरीवासियों ने न केवल भाजपा विधायक विजयपाल आढ़ती का विरोध किया, बल्कि उनकी गाड़ी पर ईंट पत्थर फेंक हमला करने की कोशिश भी की। हालांकि इस दौरान विधायक की गाड़ी आगे निकल गई और विधायक के पीछे वाली गाड़ी पर लोगों ने ईंट पत्थर से हमला किया जिसके बाद गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।
वहीं इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी एसएन वैभव पांडेय ने बताया कि जिन लोगों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे विजयपाल आढ़ती पर हमला करने की कोशिश की व उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया उन लोगों मे से कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी हमला करने वाले लोगों द्वारा कोई भी प्रार्थना पत्र पुलिस को नहीं दिया गया है। बता दें कि 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जब क्षेत्रीय विधायक जनता के बीच जाते हैं और जनता के बीच जाकर उनका इस प्रकार क्षेत्र के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं क्षेत्रीय विधायक उनके क्षेत्र के लोगों की जरूरतों व उनके द्वारा किए गए वादों पर खरे नहीं उतर पाये।
शायद इसीलिए दोबारा वोट मांगने के लिए आने पर जनता इस प्रकार विरोध प्रदर्शन पर उतारू हो जाती है। जानकारी के अनुसार बता दें कि यह जनता का हक है कि यदि कोई भी नेता उसके क्षेत्र में किए गए वादों के अनुसार कार्य नहीं कर पाते तो उनका हक है कि वह उस प्रत्याशी या उस नेता का विरोध प्रदर्शन करें लेकिन यह विरोध प्रदर्शन शांति प्रिय होना चाहिए, इसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। जनता का हक है कि वह अपनी मर्जी का नेता चुने, अपनी मर्जी का विधायक चुने लेकिन यदि वह विधायक या वह नेता जनता के बीच किए गए वादों पर खरा न उतरे तो विरोध करना जनता का कर्तव्य भी बन जाता है और जनता को विरोध करना भी चाहिए लेकिन वह विरोध शांतिप्रिय होना चाहिए, उसमें किसी भी प्रकार की हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए लेकिन कभी-कभी जब इस प्रकार विरोध के साथ-साथ हिंसा का होना भी दिखाई देता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं उस क्षेत्र की जनता पूर्व में रहे विधायक या नेता द्वारा किए गए कार्यों से संतुष्ट नहीं है। या फिर वह विधायक या नेता जनता के सम्मुख किए गए वादों पर खरे नहीं उतर पाये।