शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। धर्मनगरी के परिक्रमा मार्ग में बिना मांगे मिलने वाली भिक्षा से एकत्रित धन से दृष्टिबाधित सूरी माता को भागवताचार्य नवलेश दीक्षित ने उत्साह भाव से श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया। प्रथम दिन भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
भागवताचार्य ने भागवत कथा का महात्म्य विस्तार से श्रोताओं को बताया। धर्मनगरी के खोही स्थित भागवत पीठ में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। पहले दिन भव्य शोभायात्रा निकाली गई। भागवत कथा प्रवक्ता आचार्य नवलेश दीक्षित ने व्यासपीठ की विधिवत पूजा अर्चना की। उन्होंने बताया कि परिक्रमा मार्ग में रहने वाली सूरी माता ने श्रीमद्भागवत कथा सुनने की उत्सुकता जताई। जिस पर वह उत्साह भाव से सात दिनो तक कथा सुनाएंगें। उन्होंने कथा रसपान कराते हुए श्रोताओं को भागवत कथा की महिमा बताई। भक्ति ज्ञान की चर्चा करते हुए गोकरण की कथा का रसपान कराया। बताया कि भागवत कथा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की निर्झर, निर्मल बहती हुई गंगा है। कथा श्रवण से मानव को पापों से मुक्ति मिलती है। परिवार का कल्याण होता है। कथा आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर साधु-संतों के अलावा बड़ी तादाद में श्रोतागण मौजूद रहे।
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