जिम्मेदारी निभाओ-प्लान बनाओ, जीवन को खुशहाल बनाओ
पहला चरण 21 से 27 नवम्बर और दूसरा 28 नवम्बर से 4 चार दिसम्बर तक
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा सोमवार को शुरू हुआ जो 4 दिसंबर तक चलेगा। इस बार की थीम है ‘अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपना कर दिखाएंगे अपनी भागीदारी’ है। यह पखवाड़ा दो चरणों में चलेगा। पहला चरण 21 से 27 नवम्बर तक जिसमें जागरूकता कार्यक्रम होंगे जबकि 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी पखवाड़ा आयोजित होगा।
उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने कही। उन्होंने आगे बताया कि अभियान में अर्बन सहित हर ब्लाक का लक्ष्य पांच पुरुष नसबंदी रखा गया है। इस क्रम में जनपद में अप्रैल से अक्टूबर तक लक्ष्य के सापेक्ष निम्न प्रगति रही है, पुरुष नसबंदी 20 के सापेक्ष आठ, महिला नसबंदी 8434 के सापेक्ष 1712, पीपीआईयूसीडी 10644 के सापेक्ष 5437, आईयूसीडी, 17000 के सापेक्ष 3921, माला 150000 के सापेक्ष 34095,अन्तरा इंजेक्शन 7700 के सापेक्ष 4568, छाया 29058 के सापेक्ष 13350 तथा कंडोम 694677 के सापेक्ष 346583 है।
परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय कुमार ने बताया कि नसबन्दी पखवाड़ा के दौरान परिवार कल्याण कार्यक्रम की अन्य गतिविधियों यथावत संचालित की जायेंगी तथा इच्छुक दम्पति को अन्य गर्भनिरोधक साधन यथा महिला नसबन्दी, आइयूसीडी, पीपीआइयूसीडी, अन्तरा व छाया भी उनकी इच्छानुसार उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि दम्पति में प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए पुरुषों की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुष नसबन्दी बहुत महत्वपूर्ण है, इसमें एक छोटा आपरेशन होता है तथा महिला नसबन्दी की तुलना में यह अधिक सुरक्षित और सरल है।
इसमें दम्पति को कोई भी कार्य करने में असुविधा नहीं होती है। इस बारे में सम्बन्धित चिकित्सा अधिकारियों को बैठक कर दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। जिला परिवार कल्याण प्रबंधक बब्लू यादव ने बताया कि नसबन्दी पखवाड़ा के प्रथम चरण में जनपद में एएनएम व आशा कार्यकर्ता समुदाय में गृह भ्रमण करते हुए पुरुषों से सम्पर्क करेंगी। इच्छुक पुरुषों की पहचान एवं संवेदीकरण करते हुए उनका प्रि-रजिस्ट्रेशन करेंगी जबकि दूसरे चरण में चयनित लाभार्थियों को सेवा प्रदान की जाएगी। जागरूकता के लिए सारथी वाहन के माध्यम से प्रचार- प्रसार ब्लॉकों पर किया जा रहा है। प्रोत्साहन के लिए आशा को भी लगाया गया है। साथ ही जिन पुरुषों की नसबंदी हो चुकी है, उन पुरुषों को जागरूकता फैलाने के लिए एंबेसडर भी बनाया जायेगा।
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