खुटहन, जौनपुर। तिघरा बाजार में जनरल स्टोर के संचालक की सिर कूचकर की गई नृशंस हत्या का खुलासा दो थानों की पुलिस ने मिलकर सर्विलांस की मदद से चौबीस घंटे के भीतर कर दिया है। व्यवसायी की हत्या ब्यूटीपार्लर संचालिका उसकी पत्नी के आशिक ने ही रास्ते से हटाने के लिए कर दिया है। पुलिस के मुताबिक महिला निर्दोष पायी गयी है। उसे ऐसी घटना को कोई खबर नहीं थी। आरोपित के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
मूल रूप से खेतासराय कस्बा निवासी अशोक उर्फ दीपक बरनवाल (38) लगभग एक दसक पूर्व तिघरा बाजार में मकान खरीद कर परिवार के साथ रह रहा था। उसी मकान में वह खुद जनरल स्टोर तथा उसकी पत्नी रीशू ब्यूटीपार्लर की दुकान चलाती है। उसके तीन बच्चे मंगला (12) आदर्श (10) और पुत्री आरुई (4) साथ में रहते है।
तिघरा बाजार में ही ब्यूटीपार्लर के बगल इसी थाना क्षेत्र के गौसपुर बाजार निवासी हरीप्रसाद उर्फ बचऊ बरनवाल की बल्डिंग मैटीरियल की दुकान भी संचालित है। वर्षो पूर्व से ही ब्यूटीपार्लर संचालिका और हरीप्रसाद की आंखे चार हो गयी।
प्रेम जब परवान चढ़ा तो दोनों के बीच पति की आड़ में लुकाछिपी का खेल भी शुरू हो गया। पुलिस का कहना है कि दोनों ने सारी सीमाएं आपस में अंतरंग संबंध भी बनाने लगे। जिसकी भनक जब पति को लगी तो वह इसका बिरोध करने लगा। जो हरिप्रसाद को खटकने लगा। बताते है कि इसी चक्कर में हरिप्रसाद ने अपनी विवाहिता पत्नी से भी किनारा कर लिया।
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर जगदीश कुशवाहा ने घटना का पर्दाफास करते हुए बताया कि शुक्रवार की शाम को हरीप्रसाद ने अशोक को एक बारात में सामिल होने के लिए अपने साथ लिवा गये। अशोक के पास निजी बोलेरो गाड़ी भी है। जिसे भाड़े पर तय कर दोनों बारात के नाम पर निकल गए। सुबह महमदपुर गांव के खेत में उसी की बोलेरो गाड़ी में सिर कूचकर हत्या की गयी लाश बरामद हुई। शव कब्जे में लेने के बाद से ही पुलिस की शक की सूई प्रेम प्रपंच पर ही टिक गई। आसपास के लोगों से पुष्टि होते ही पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके आशिक को हिरासत में ले लिया।
थाने पर पूछताछ में हरिप्रसाद पुलिस को गुमराह करता रहा। सर्विलांस का सहारा लिया गया तो दोनों दोनों का एक साथ लोकेशन खेतासराय तथा उसके बाद जिला मुख्यालय फिर वहां से वापस लौटने का मिला। पुलिस ने जब कड़ा रूख अख्तियार किया तो वह टूट गया।उसने रीशू से अपने अंतरंग संबंधो को स्वीकारते हुए बताया कि अशोक को हमारे संबंधो की भनक लग जाने से वह हम दोनों के बीच दीवार बन गया था। उसे रास्ते से हटाने के लिए उसकी बोलेरो भाड़े पर तय किया था।
वाहन अशोक खुद चलाता था। उसे शुक्रवार की शाम साथ लिवाकर खेतासराय होते हुए जिला मुख्यालय तक गया। रास्ते में उसने अशोक को जमकर शराब पिलाई। वहीं एक ढाबे पर दोनों ने खाना भी खाया। जहाँ से वापस लौटते समय आधी रात बीत चुकी थी। वाहन हरिप्रसाद चलाते हुए वापस घर की तरफ लौट रहा था। जब वह मरहट पुलिया के पास पहुंचा तो दीर्घ शंका के बहाने गाड़ी वहीं खड़ी कर खेत की तरफ चला गया।
नशे मे धुत अशोक बीच वाली सीट पर बेधड़क सो गया। उसी समय हरिप्रसाद गाड़ी में रखे साउंड बाक्स से उसके सिर पर कई वार कर दिए। जिससे अशोक की मौत हो गई। हरिप्रसाद गाड़ी आगे बढ़ाकर सुनसान स्थल महमदपुर गांव में लाकर एक खेत में उतार पैदल ही घर चला गया। घटना की भनक मृतक की पत्नी रीशू को भी नहीं लग सकी।