क्या सीएमएस सुषमा और उनके कमीशनबाज डाक्टर अपने परिवार को खिला रही खून से सनी रोटी?
अपनो को भी लूट लेते है महिला अस्पताल के डाक्टर, सीएमएस की रजामन्दी से होता खेल
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। अब जिला महिला अस्पताल में आबरेशन के नाम पर रिश्वतखोरी का मामला अपनी सीमाओं को लांघता चला चला रहा है। सीएमएस सुषमा कणर्ववाल के खेल में जिस तरह से जिला महिला अस्पताल की डाक्टर जैदी, जुबेरिया, डा. रीतू, डा. रीता, डा. कमलेश, डा. चित्रा, डा. सुनीता शामिल होकर अपने परिवार को गरीबो के खून से सनी रोटी खिला रही है यह मार्यादाओं और सीमाओें की हद है।
यह तो तय है कि आज नही तो कार्यवाही होगी और इन सभी डाक्टरों को उनके किये की सजा मिल सकता है क्योकि यही प्रकृति का नियम है जैसा कर्म करोगें वैसा ही फल मिलेगा। यह रिश्वतखोर डाक्टर यह नही समझ पा रहे है बदलाव तभी आता है जब किसी चीज की हद पार होती है और आज महिला अस्पताल में रिश्वतखोरी की हद पार हो चुकी है। यहां तक महिला अस्पताल की उक्त डाक्टर अपने स्टाफ को भी नही छोड़ती है। सूत्रो और चर्चाओं की माने तो अभी विगत दिवस जिला अस्पताल की एक स्टाफ के परिवार को डिलेवरी होनी थी तो जिला अस्पताल का वह स्टाफ महिला अस्पताल गया और डाक्टरों से अपना परिचय देकर बता दिया कि यह प्रसूता हमारे परिवार की है इसके बाद भी जब प्रसूता का आबरेशन किया गया तो उससे आबरेशन के पहले ही 3200 रूपये जमा करा लिये। इससे तीन दिन पूर्व इस संवाददाता के रिश्तेदार का आबरेशन हुआ तो किसी अनूप नाम स्टाफ ने 3200 रूपये जमा करवा लिये तब जाकर उसका आबरेशन किया गया है।
यह बात अलग है कि इस संवाददाता ने महिला अस्पताल के किसी भी स्टाफ को यह नही बताया कि यह गर्भवती संवाददाता की रिश्वतेदार है ओैर आबरेशन थियेटर में मांगी गयी रकम को चुपचाप जमा कर दिया। अगर आज कहा जा रहा है कि महिला अस्पताल की उक्त डाक्टरे अपने परिवार को खून से सनी रोटी खिला रही है तो एकदम सटीम है। महिला अस्पताल में तैनात डाक्टर जैदी, जुबेरिया, डा. रीतू, डा. रीता, डा. कमलेश, डा. चित्रा, डा. सुनीता ने तो सीएमएस सुषमा के संरक्षण में रिश्वतोखारी को शिष्टाचार ही बना दिया हे तो सीएमएस सुषमा कमीशन बाजी के साथ साथ अस्पताल के पीपीसी में बैठकर देर रात तक प्राइवेट रूप से मरीजों को देखा करती हे ओैर प्रति मरीज तीन सौ रूपये भी लेती है।
सीएमएस सुषमा कर्णवाल केवल छोटे कर्मचयारियों को धमक देकर उन्हे टार्चर भी करती है। अस्पताल के छोटे कर्मचारियों का सीएमएस ने जीना मुहाल कर दिया है। कर्मचयारी सीएमएस की कार्यशैली से परेशान है। सीएमएस सुषमा अपने कर्तव्यों को लापरवाह इतनी है कि जब अव आपरेशन करती हे तो कभी नवजात को सही सलामत निकालने के बाद महिला के पेट में ही तौलियो छोड़ देती है और टंके लगा देती है जब महिला के असनीय पीड़ा होती है महिला का अल्ट्रासाउण्ड होता है उसके बाद महिला के फिर से आबरेशन होता है तौलिया निकाली जाती है उसके बाद महिला का दर्द कम होता है। ऐसी लापरवाह है महिला अस्पताल की सीएमएस सुषमा कर्णवाल। सूत्रो की माने तो सीएमएस सुषमा के कुशल निर्देशन में इस समय महिला अस्पताल में केवल कमीशनबाजी और रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है। जो कलमकार सत्य का प्रकाशन करता है तो उसको सीएमएस डा. सुषमा से लेकर अन्य डाक्टर तरह तरह की धमकी देने लगती है।
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