आखिर! तालाब की भूमि पर धड़ल्ले से चल रहे पेट्रोल पम्प पर तहसील प्रशासन कब चलायेगा बुलडोजर…?
चालबाजी से तालाब की जमीन पर चढ़वाया था अपना नाम, न्यायालय से आवंटन हुआ था खारिज
लखनऊ-प्रयागराज मार्ग पर कुचरिया के निकट मौजूद है पेट्रोल पम्प, डेढ़ वर्ष पूर्व हुआ था आदेश
अनुभव शुक्ला/संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जिले में सरकारी ग्राम सभा की जमीनें तहसील प्रशासन के अधिकारियों की भ्रष्ट करतूतों से भूमाफियों की भेंट चढ़ चुकी हैं एक ऐसा चालबाज भूमाफिया जिसने चकमा देकर फर्जी तरीके से सुरक्षित भूमि तालाब को अपने नाम चढ़वाकर पेट्रोल पंप लगवा लिया। किन्तु सबसे अचम्भे की बात तो यह है कि इस धोखाधड़ी से पेट्रोल पंप की हथियाई गई जमीन न्यायालय के आदेश पर ग्रामसभा के खाते में जरुर गई किंतु तहसील प्रशासन के रहनुमो के संरक्षण में तालाब की सुरक्षित भूमि पर धड़ल्ले से पेट्रोल पंप चल रहा है। जानकारी के मुताबिक तालाब की भूमि अपने आप दर्ज करवाकर पेट्रोल पंप लगवाने के बाद ये मामला अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में पहुंच गया, जब इस मामले की जांच हुई तो अदालत ने आरोप को सही पाया और इस जमीन को फिर से ग्राम सभा की सुरक्षित तालाब की जमीन दर्ज कराने का आदेश दे दिया। लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद इस पर कार्यवाही नहीं की गई है। प्रशासन की मिलीभगत से यहां पर अब धड़ल्ले से पेट्रोल पंप चल रहा है विदित हो की लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर मौजूद सराय दामू गांव के मोहम्मद हसनैन ने दो गाटा संख्या 421 स व 421 मि. का कुल 0.537 हेक्टेयर जमीन गलत तरीके से अपने नाम अंकित करा लिया। ये ग्राम सभा की सुरक्षित तालाब की जमीन के रूप में दर्ज थी। इसी भूमि को हसनैन ने जालसाजी के बल पर अकृषिक घोषित करवा कर पेट्रोल पंप भी लगवा लिया और हाईवे पर धड़ल्ले से पेट्रोल पंप चलाने भी लगा। लेकिन जब यह मामला अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रायबरेली के न्यायालय में पहुंचा तो वास्तव में ये जमीन तालाब की जमीन के रूप में पाई गई। जिसे साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने पुनः तालाब की जमीन में अंकित कराने का आदेश दे दिया।
अदालत के आदेश पर भी नहीं हटा पेट्रोल पम्प
तहसील प्रशासन के संरक्षण में फल-फूल रहा भूमाफिया
जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष 29 जनवरी 2022 को दिये गए आदेश में तहसीलदार सदर को साफ तौर पर निर्देशित किया गया है कि उक्त भूमि को तालाब में अंकित कर कार्यवाही की जाए। लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने को है अभी इस आदेश की प्रति तामील नहीं कराई गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि आरोपी हसनैन की जड़े तहसील में कितनी गहरी है। अगर तहसील प्रशासन ऐसे अपराधियों को संरक्षण देगा तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की मंशा कैसे पूरी होगी। इस पूरे मामले में तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।
…आखिर कब अवैध पेट्रोल पम्प पर चलेगा बुलडोजर
भूमाफिया हसनैन के पेट्रोल पम्प के खिलाफ आदेश हुए डेढ़ वर्ष भले ही बीत गये किंतु हर किसी की जुबां पर यही सवाल है कि आखिर इस पेट्रोल पंप पर बाबा का बुलडोजर कब चलेगा क्योंकि मोहम्मद हसनैन एक ऐसा नटवरलाल है जिसने तालाब की जमीन को गलत तरीके से ना सिर्फ अपने नाम अंकित करवाया बल्कि उक्त भूमि को अकृषिक घोषित करवाते हुए पेट्रोल पंप लगवाने के सभी मानक पूरे करवाएं जो सभी गलत थे, लेकिन जब मामला न्यायालय पहुंचा तो उसके द्वारा कराए गए भ्रष्ट कारनामे उजागर हो गए। ऐसे में अब सबकी नजरे प्रशासन पर टिकी हुई हैं कि वो कैसे इस जमीन से अवैध कब्जे को हटाने की कार्यवाही करेगा। क्या यहां पर बुलडोजर चलता हुआ दिखाई देगा।
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