एसडीएम की कार्य प्रणाली से क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने तहसील में किया हंगामा
एडीएम को ज्ञापन सौंप हुई कार्यवाही की मांग, मिला आश्वासन
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। उपजिलाधिकारी ज्योती सिंह की कार्य प्रणाली से क्षुब्ध अधिवक्ताओं ने साल के पहले दिन तहसील में हंगामा व नारेबाजी किया। अधिवक्ताओं ने सात सुत्रिय मांगों का ज्ञापन सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम प्रकाश को सौंपा। एडीएम के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। अधिवक्ताओं का आरोप था कि उपजिलाधिकारी अधिवक्ताओं व वाद कारियों का न सम्मान करती हैं और न ही समस्या के निस्तारण में रुचि ही लेती हैं जिसके कारण विवाद बढ़ रहे हैं। वकीलों ने आरोप लगाया कि भूमिधरी जमीन पर अवैध कब्जा रोकना तो दूर की बात है।
ग्राम समाज की भूमि पर भी अवैध कब्जा रोकने में एसडीएम कोई रुचि नहीं लेती हैं। किसी भी प्रार्थना पत्र का उचित और गुणवत्तापरक निस्तारण एसडीएम द्वारा नहीं किया जाता है। तहसील के ही अधिवक्ता शिव कुमार के प्रकरण में धारा 133 के अंतर्गत आदेश के बाद भी रास्ता खाली नहीं हुआ। अधिवक्ता के ऊपर हमला हुआ। धारा 24, धारा 116,धारा 67, धारा 144 एवं 34 का समय से निस्तारण नहीं होता। आदेशों की फीडिंग बिना सुविधा शुल्क के नहीं होती। तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ता एक सप्ताह से न्यायिक कार्य से विरत हैं।
इस अवसर पर अध्यक्ष भारत सिंह, महामंत्री अवनींद्र दुबे, दिनेश चंद्र सिन्हा, जगदंबा प्रसाद मिश्रा, अजय यादव, बाबा रमेश यादव, सुरेश यादव, विपिन मौर्य, राहुल तिवारी, अनुराग श्रीवास्तव, जोगेंद्र नाथ, सरजू प्रसाद बिन्द, आसरे दुबे, आरपी सिंह, यज्ञ नारायण सिंह, जय प्रकाश दुबे, प्रेम बिहारी यादव, संजय यादव, विकास यादव, रतन गुप्ता, प्रदीप सरोज, बाबूराम गौतम, पुष्कर जी, विनय प्रिय पांडेय, ललित मोहन तिवारी, सुरेश मौर्य, सुभाष मौर्य, अच्छे लाल, हरिनायक तिवारी, सुशील तिवारी, बृजेश यादव, हरिश्चंद्र यादव, राजेंद्र यादव, लक्ष्मण पाल सहित कुल 356 अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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