मां की ममता का कोई मोल चुकाए कैसे | #TejasToday
सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल
मां की ममता का कोई मोल चुकाए कैसे | #TejasToday
मां की याद आए तो फिर नींद भी आए कैसे।
मां की लोरी को भला कोई भुलाए कैसे।।
मां की ममता का कोई मोल नहीं दुनिया में।
मां की ममता का कोई मोल चुकाए कैसे।।
मेरे चेहरे पे शिकन आते ही रो देती है।
मां की ममता से कोई गम भी छुपाए कैसे।।
मां अगर खुश है तो अल्लाह भी खुश है समझो।
छोड़कर मां को खुदा को कोई पाए कैसे।।
जिसने दिल मां का दुखाया है किसी सूरत भी।
बागे जन्नत में वो जाए भी तो जाए कैसे।।
मां की सूरत नजर आती नहीं जानी मुझको।
बागे जन्नत नजर आए तो आए कैसे।।
मीर बेलाल जानी