सनसनीखेज खुलासा: कोरोना में धंधा हुआ चौपट तो व्यापारी से बन बैठा टप्पेबाज
बीते 9 दिसम्बर को एसबीआई बैंक से पांच लाख रुपये की लूट करने का पुलिस ने किया खुलासा
पांच लाख रुपये लूटकर प्लेन से भागा मुम्बई, भोपाल के मध्य प्रदेश में दबोचा गया
अनुभव शुक्ला/संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जरायम की दुनिया में जीने वाले भले ही कितना भी शातिराना अंदाज से अपराध को अंजाम दे किंतु जिले के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी की निगाहों से अपराधी नहीं बच पाते है।चाहे वह उत्तर प्रदेश छोड़ विदेश भागने के फिराक में क्यों न हो। जी हां, यह सारे शब्द वहां चरितार्थ होते हैं जब जिले में लूट की घटना को अंजाम दे जनपद नहीं प्रदेश छोड़ मध्यप्रदेश के भोपाल जिले में शातिर टप्पेबाज को पुलिस ने धर दबोचा है।
बताते चलें कि बीती नौ दिसम्बर को शहर कोतवाली क्षेत्र के एसबीआई बैंक शाखा में रिटायर्ड सेल्समैन से पांच लाख रुपए की टप्पेबाजी करने वाले को पुलिस ने धर दबोचा है। पकड़े गए शातिर का नाम बृजेश कुमार बाघवानी जोकि मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित सी नगर 4157 का निवासी था। सोमवार को एसपी आलोक प्रियदर्शी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शातिर टप्पेबाज पूर्व में कपड़े का होलसेल व्यापारी था जोकि कोरोना काल में व्यापार बंद होने की वजह से विभिन्न जगहों पर टप्पेबाजी छिनैती जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगा।
बताते चलें कि बीती 9 दिसंबर को रिटायर्ड सेल्समैन ने शहर कोतवाली क्षेत्र के एसबीआई बैंक शाखा में जैसे ही पांच लाख रुपए जमा करना चाहा तभी टप्पेबाज धोखे से रुपयों से भरा बैग लेकर एरोप्लेन से मुंबई भाग गया। सर्विलांस व एसओजी सहित ह्यूमन टेक्नोलॉजी इंटेलिजेंस की टीम ने काफी मशक्कत के बाद इस शातिर अपराधी को मध्य प्रदेश भोपाल जिले में धर दबोचा है। अभियुक्त के पास से लूट के डेढ़ लाख रुपए भी बरामद किए गए हैं। शातिर टप्पे बाद के पास से फर्जी आईडी कार्ड व कूट रचित बैंक की चार मोहरें भी बरामद हुई हैं। इस खुलासे में एसओजी वह सर्विलांस टीम सहित तेजतर्रार कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजय त्यागी की अहम भूमिका रही जिससे गदगद होकर एसपी आलोक प्रियदर्शी ने खुलासे करने वाली टीम को 25000 रूपये के इनाम से पुरस्कृत किया है।
लखनऊ में घूमकर जिले में हुआ दाखिल, पांच लाख में डेढ़ लाख बरामद
मध्य प्रदेश के भोपाल का शातिर टप्पेबाज घटना को अंजाम देने से पहले जनपद लखनऊ के अमीनाबाद, हजरतगंज, निषादगंजग, रेलवे स्टेशन चारबाग के आसपास भी घूम फिर कर रुपये छीनने की नीयत से घूमता रहा किन्तु सफल नहीं हो सका। वह उसके बाद जनपद रायबरेली आ गया और बाजारों तथा बैंको के आसपास रेकी करने लगा और इस क्रम में वह कई दिनों से एसबीआई मुख्य शाखा में भी जा रहा था। नौ दिसम्बर को एसबीआई मुख्य शाखा में राजेन्द्र कुमार से मुलाकात हुई और अपना कूट रचित कार्ड दिखा कर स्वयं को बैंक कर्मी बताते हुए उसका भरोसा जीत लिया और उसके द्वारा बैंक से एफडी के लिए निकाले गये पांच लाख रुपये काउंटर पर जमा करने के बहाने लेकर भाग गया।
रुपये लेकर लखनऊ से ट्रेन द्वारा दिल्ली और वहां से फिर हवाई जहाज से मुम्बई चला गया । पैसों के संबंध में पूछने पर बताया कि उसने 2,00,000 रुपये जींस व्यापार के उधार वापस किए, 40,000 रुपये एजुकेशन लोन के खाते में जमा किए, 33,000 रुपये के हवाई यात्रा के टिकट, 4000 रुपये ट्रेन यात्रा के टिकट, 18000 रुपये के नये कपड़े, 14000 रुपये डाक्टर को फीस, 22000 रुपये की अमृतसर-वाराणसी-हरिद्वार यात्रा की टिकट, 19000 रुपये होटल में खर्च किए तथा शेष 1,50,000 रुपये पकड़े जाने पर पुलिस को बरामद कराये।
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