एलाइजा की जांच पॉजिटिव होने पर ही होती है डेंगू की पुष्टि: विदुषी मेहा
मच्छर के काटने से करें बचाव, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला जज के निर्देश पर जिला न्यायालय परिसर में शुक्रवार को डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव विदुषी मेहा ने लोगों से अपील की कि बढ़ते डेंगू रोग को देखते हुए सभी सतर्कता बरतें। इस दौरान डा. श्याम किशोर सिंह, डा. बिलाल अहमद व डा. प्रभु सिंह ने डेंगू से बचाव और रोकथाम की विस्तृत जानकारी दी। न्यायिक कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और वादकारियों को दवाओं का वितरण किया गया।
इस मौके पर विधिक टीम के जितेन्द्र सिंह, गिरिजाषरण तिवारी, अम्बुज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। उधर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी ने बताया कि डेंगू मच्छर जनित बुखार है। लेकिन टेस्टिंग के दौरान सिर्फ एनएसवन नान स्ट्रक्चरल-1 पॉजिटिव होने, प्लेटलेट्स काउंट कम होने को डेंगू नहीं कह सकते, जब तक कि एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आएद्य बताया कि एलाइजा टेस्ट निगेटिव है तो वह बुखार डेंगू नहीं हैद्य डेंगू के कोई भी लक्षण दिखने पर इसकी पुष्टि के लिए जल्द से जल्द एलाइजा की जांच करानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और बरसात के बाद के महीनों में यह रोग फैलता हैद्य बताया कि निजी अस्पताल और पैथालॉजी संचालकों को सख्त हिदायत दी गयी है कि जब तक एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आए तब तक रोगी को डेंगू बताकर उसे परेशान न करें। एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आए बिना यदि कोई पैथालोजी या अस्पताल संचालक मरीज को डेंगू की रिपोर्ट दे रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये हैं डेंगू के लक्षण
नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना, सिर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले भाग में दर्द होना, अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना, मुंह के स्वाद का खराब होना, गले में हल्का सा दर्द होना, शरीर में लाल निशानों का होना डेंगू के लक्षण हैं।
इसका कोई विशेष इलाज नहीं
नोडल अधिकारी ने बताया कि डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं होता है। डेंगू का लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है। यदि मरीज को बुखार है उसका इलाज दूसरा, उल्टी है तो उसका इलाज दूसरा और यदि कोई अन्य परेशानी है तो संबंधित दवा देकर उसका इलाज किया जाएगा। मरीज को ग्लूकोज दें, पानी दें। इसके साथ रोगी को आराम करने दें।
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