अन्तरजनपदीय लिफाफा गैंग का सरगना खुर्शीद खां सहित 7 बदमाश गिरफ्तार
ठगी की 4 घटनाओं का अनावरण कर पुलिस ने 2 लाख के सोने के आभूषण व नगदी किया बरामद
ठगी के शिकार लोगों की आईडी, घटना में प्रयुक्त चार पहिया वाहन व आठ मोबाइल भी मिला
आकाशदीप
शाहजहांपुर। विगत करीब 2 माह से थाना सदर बाजार क्षेत्र अंतर्गत रोडवेज बस स्टैंड, कचहरी व उसके आस-पास से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आने-जाने वाली सवारियों को धोखा देकर उनकी ज्वैलरी, रुपए आदि सामान एक लिफाफे में रखवा कर वे लिफाफा बदलकर ठगी का घटनाओं को अन्जाम दिया गया था। एक घटना में संदिग्धों की फोटो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी। उक्त सभी घटनाओं के संबंध में थाना सदर बाजार पर पूर्व से ही अभियोग पंजीकृत होकर विवेचना प्रचलित थी।
उक्त घटनाओं के अनावरण व लिफाफा बदलकर ठगी करने वाले गैंग के बारे में जानकारी कर उसे बस्ट करने के लिए एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक द्वारा संजय कुमार अपर पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन व सहायक पुलिस अधीक्षक सरवनन टी. के पर्यवेक्षण में थाना सदर बाजार पुलिस के साथ एसओजी टीम शाहजहांपुर को भी टास्क दिया गया था। इसी क्रम मे एसओजी व थाना सदर बाजार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा जानकारी कर उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी। पुलिस के अनुसार एसओजी टीम व थाना सदर बाजार पुलिस द्वारा उक्त गैंग की सूचनाओं का संकलन व लोकेशन ट्रेस कर उस समय महत्वपूर्ण सफलता हुई जब सटीक सूचना मिलने पर रोडवेज बस स्टैंड के से पर कुल 7 अभियुक्तों को एक लीलन रंग की बीट गाड़ी के साथ पकड़ा गया। उनके संदिग्ध होने पर कड़ाई से पूछताछ पर उनके द्वारा लिफाफा बदल कर ठगी का घटनाएं कारित करने की स्वीकारोक्ति की गयी। तलाशी पर उनके कब्जे से पूर्व में की गई तगी की घटनाओं से संबंधित करीब 2 लाख रपये कीमत के आभूषण व नगदी, ठगी के शिकार हुये व्यक्तियों के आधार कार्ड आदि सामान बरामद किये गये।
पूछताछ के दौरान गिरोह के 2 अन्य सदस्य इकरार एवं मुजाहिद प्रकाश में आये हैं जिनकी शीघ्र गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम प्रयासरत है। इस गैंग के सरगना खुर्शीद खाँ सहित सभी अभियुक्त बरेली नगर क्षेत्र के रहने वाले हैं जो घटना कारित करने के लिये एक निश्चित स्थान पर एकत्रित होकर चार पहिया वाहन से घटना के स्थान पर आ जाते थे। यह लोग रोडवेज बस स्टैण्डों पर अकेली महिलाओं एवं बुजुर्गों को देखकर उनसे कहते थे कि रोडवेज से कम किराये में हम आपको गन्तव्य तक छोड़ देंगे तथा हमारी गाड़ी आगे खड़ी है। इनकी बातों में आकर सवारीयाँ इनके साथ चल देती थीं। सवारियों के बैठने के उपरान्त कुछ दूर जाने पर यह लोग अपने वाहन को सरकारी डाक विभाग अथवा प्रेस की गाड़ी बताकर कहते थे कि हमारे विभाग के अधिकारी किसी भी समय चेकिंग कर सकते हैं। हमारी गाडी में नगदी व आभूषण पहनकर जाना प्रतिबन्धित है। ऐसे में आप लोग अपनी नगदी व आभूषण एक लिफाफे में बन्द कर रख लो। गाड़ी में बैठा इनका साथी स्वयं लिफाफा देता है और उसको टेप लगाकर बन्द करने के बहाने से लेकर लोगों की नजर बचते ही उसको बदलकर बैसा ही लिफाफा उनको दे देता है। सवारी अपना लिफाफा समझकर रख लेती है। जब सवारी के गन्तव्य पर पहुँचने तक यह लोग बहाना बनाकर एक-एक करके खिसक लेते हैं। जब तक सवारी अपना लिफाफा खोलकर देखती है कि उसमें उसका सामान न होकर कंकड़ पत्थर रही इत्यादि होने की जानकारी होती है कि उसके साथ ठगी हो गयी है और पुलिस तक शिकायत पहुँचने तक ये लोग आभूषण व नगदी लेकर जनपद की सीमाओं से बाहर निकल जाते है। फिलहाल इस गैंग की लोकेशन एक दर्जन से अधिक जनपदों में पाई गई है जिसके सम्बन्ध में सम्बन्धित जनपदों से सम्पर्क स्थापित कर घटनाओं के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।
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