सामूहिक दुराचार के मामले में दोष सिद्ध होने पर 5 आरोपियों 20-20 वर्ष की कैद
शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। सामान लेने दुकान जा रही लड़की को अगवा कर सामूहिक दुराचार करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय ने दो सगे भाइयों समेत पांच लोगों को 20-20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदण्ड से भी दंडित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि पीड़िता के पिता ने बीती 10 सितम्बर 2017 को एक प्रार्थना पत्र मऊ के तत्कालीन उपजिलाधिकारी को दिया था। शिकायतकर्ता के अनुसार बीती 15 जून 2017 को वह अपने पिता व भाई के साथ बड़ी बेटी की वरीक्षा के लिए प्रयागराज जनपद गया था। उसी दिन उसकी छोटी बेटी सामान लेने के लिए दोपहर 12 बजे दुकान जा रही थी। इस दौरान रास्ते में रैपुरा थाना क्षेत्र के खोर गांव के निवासी बसंतलाल ने अपने घर के बाहर उसकी बेटी का मुँह दबाया और घर के अंदर बंद कर दिया। मौके पर पंहुचे उसके बेटे ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। इस पर बसंतलाल के भाई फूलचंद्र और पिता रामबहादुर ने उसे गाली-गलौज कर भगा दिया। इसकी सूचना दिए जाने पर डायल 100 पुलिस टीम मौके पर पंहुची, किंतु तब तक लड़की को गायब किया जा चुका था। कई महीनों के बाद लड़की का पता चलने के बाद पुलिस के साथ जाकर मध्यप्रदेश से शिकायतकर्ता लड़की को वापस घर लाया था। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद लड़की का बयान दर्ज कराया और चिकित्सीय परीक्षण कराया। पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने अपहरण के बाद उसके साथ कई लोगों ने दुराचार किया और मध्यप्रदेश में बेच दिया। पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज संजय कुमार ने निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर बसंत लाल, योगेश उर्फ उगेश, फूलचंद्र, अजय गुप्ता व अमृत लाल को 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा के साथ अर्थदण्ड से भी दंडित किया है।
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