पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव के आदर्शों को याद कर मनायी गयी 13वीं पुण्यतिथि

पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव के आदर्शों को याद कर मनायी गयी 13वीं पुण्यतिथि

आजमगढ़। पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव की 13वीं पुण्यतिथि पर कुर्मी टोला स्थित पैतृक आवास पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ जहां उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुये उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुये जुगल किशोर जालान ने कहा कि दिवंगत पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव वंचित समाज के रहनुमा थे। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

यही वजह है कि उनकी पत्नी निवर्तमान पालिकाध्यक्ष शीला श्रीवास्तव और उनके पुत्र समाजसेवी प्रणीत श्रीवास्तव हनी उनके दिखाये रास्ते पर चलते हुये समर्पित भाव से समाज की सेवा के कार्य में जुटे हुये हैं। डॉ. अफ़ज़ल ने कहा गिरीश जी के साथ उनकी गहरी दोस्ती रही। वह जब भी उनसे बात करते तब उनके बातों के केन्द्र में गरीब और वंचित समाज ही होता था। वह सोचते थे कि वंचित समाज के लिये अधिक से अधिक क्या और कैसे कर दिया जाय।
मास्टर कलाम ने कहा कि मौजूदा राजनीति से इतर हटकर गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव हमेशा समाज के हर तबके के लिये काम करते रहे। उन्होंने हमेशा विकास को अपना एजेण्डा बनाया। उनका यह मानना था कि यदि विकास कार्य हो जायेंगे तो आम आदमी को किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं होगी।

वह कभी भी जाति धर्म की राजनीति नहीं किये। सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शहर के हर परिवार के साथ गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव का पारिवारिक सम्बन्ध था। वह हर परिवार के किसी न किसी व्यक्ति को चेहरे के साथ-साथ नाम से पहचानते थे। गिरीश के निधन से समूचे शहर ने अपने परिवार का मुखिया खोया है।
पूर्व पालिकाध्यक्ष शीला श्रीवास्तव ने कहा कि यह तो सही है कि महिला होने की वजह से वह अपने पति जितना समाज के लिये नहीं कर पा रही हैं, फिर भी उनकी यह कोशिश होती है कि वह अपने पति के दिखाये हुये रास्ते पर अधिक से अधिक चल सके। साथ ही अपने बेटे प्रणीत श्रीवास्तव हनी से वह हमेशा यह अपेक्षा करती हैं कि समाज के प्रति दायित्व निर्वहन में उनसे जो कमी रह जा रही है, उसे वह पूरा करें।

स्व. गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव के पुत्र प्रणीत श्रीवास्तव हनी ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि वह जीवन पर्यन्त अपने पिता के दिखाये गये आदर्शवादी रास्ते पर चलते रहेंगे और सेवाकार्यो के माध्यम से जनता की सेवा करेंगे।
इस अवसर पर डॉ आरएन श्रीवास्तव, शाह समीम, अशोक वर्मा, नवीन श्रीवास्तव, सदरुद्दीन प्रधान, महेंद्र यादव, आनंद देव, विशाल श्रीवास्तव, रईस अहमद, अवधेश श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, जगदम्बा श्रीवास्तव, शहजाद कुरैशी, भोला तिवारी, दीपक सिंह, लड्डन अहमद, कैलाश बरनवाल, द्वारिकाधीश जायसवाल, सदानंद मौर्य, महावीर श्रीवास्तव, रामाश्रय यादव, प्रभुदेव उपाध्याय सहि तमाम लोग उपस्थित रहे।

श्रद्धांजलि सभा का संचालन प्रणीत श्रीवास्तव हनी ने किया। अन्त में स्व. श्रीवास्तव के छोटे भाई एवं कर्मचारी नेता राकेश श्रीवास्तव ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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