अमरेन्द्र कुमार मिश्र
गडहनी (बिहार)। उत्क्रमित मध्य विद्यालय नहसी में मौलाना अबुल कलाम आजाद की 135 वी जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में बच्चों के साथ विद्यालय में चेतना सत्र के दौरान मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक देवलाल राम ने बच्चों को संबोधित करते हुए मौलाना अबुल कलाम आजाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे।
इन्होंने अपने शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में 1947 से लेकर 1958 तक शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उत्कृष्ट कार्य किए जिसके फलस्वरूप आज हम उनके जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं। वे महात्मा गांधी के अनुयाई थे जिन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन एवं असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इन्हें बहुत कम उम्र में ही अर्थात 35 साल के उम्र में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । वे देश के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण का विरोध करने वाले सबसे प्रमुख मुस्लिम नेता थे।
इन्हें 1992 ईस्वी में मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। संबोधन के पश्चात सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए शत शत नमन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार राम रंजीता कुमारी पूनम देवी सुनीता कुमारी नसीमा खातून पुष्पा देवी कृष्णा बैठा एवं मनोज कुमार राम उपस्थित थे।
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