दफ्तरों का चक्कर काट रही महिला, 6 महीने से नहीं मिली खतौनी
रविन्द्र पाल
डलमऊ, रायबरेली। गरीबों को दफ्तरों के चक्कर लगाना अधिकारियों के लिए कोई नई बात नहीं है। एसी में बैठकर सिर्फ एक फरमान करना कि तुम फला तारीख को आना काम हो जाएगा। इतना कहकर अधिकारी भूल जाते हैं। करीब छः माह से एक महिला अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रही है, ताकि उसको उसकी भूमि की खतौनी मिल सके। भीषण गर्मी में महीनों से चक्कर लगा रही महिला पर अधिकारियों को रहम नहीं आ रही है।
डलमऊ तहसील क्षेत्र के पूरे विश्राम मजरे कठगर निवासी मेडी लाल पुत्र राम आसरे लोन को सरकार द्वारा करीब 30 वर्ष पूर्व ग्राम सभा की गाटा संख्या 530 से 1 बीघा भूमि गुजर बसर करने के लिए पट्टा किया गया था। उक्त भूमि को भूमिधरी करने के लिए घोषित करने के लिए अधिकारियों ने शासन एवं राजस्व विभाग के निर्देशों नियमों के अंतर्गत उक्त महिला से 6 माह पहले भूमि संबंधित पट्टा अभिलेख महिला से ले लिया था परंतु आज तक पट्टे की भूमि को राजस्व अभिलेखों में भूमधरी घोषित नहीं की गई। पीड़ित महिला ने बताया कि शासन द्वारा प्रारूप पर लगभग 30 साल से खेती कर रही है परंतु खतौनी में महिला के पति का नाम बतौर भूमिधर दर्ज नहीं हो पा रही है। इस मामले में क्षेत्रीय लेखपाल का कहना है कि पट्टे की भूमि को बतौर भूमिधर घोषित करने के लिए रिपोर्ट लगाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है। इस संबंध में जब एसडीएम आशीष मिश्रा से संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं लगा।
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