मड़ावरा में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय साबित हो रहा सफेद हाथी
जयेश बादल
मड़ावरा, ललितपुर। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले ग्रामीणों को खुले में शौच जाने से मुक्त करने हेतु शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रहीं जिनमें प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय निर्माण करवाये गए हैं लेकिन उक्त जनहितैसी योजना लापरवाह अधिकारियों के द्वारा की जाने वाली लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में सार्वजनिक प्रयोग हेतु सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है जिसके अन्तर्गत ग्राम पंचायत मड़ावरा में भी लांखों रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया गया जो कि पूर्व में प्रधान के कार्यकाल की समाप्ति के उपरांत नियुक्त किये गए ग्राम पंचायत प्रशासक यानि संबंधित ग्राम के ग्राम विकास अधिकारी द्वारा बनवाया गया था जिसके निर्माण को लगभग एक से डेढ़ वर्ष बीत गया किन्तु ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी कार्यप्रणाली के चलते आज तक सुचारू नहीं हो सका जिससे कि जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा उक्त योजना क्रियान्वित की गयी थी उसका लाभ आम ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा आलम यह है कि लापरवाही के चलते शौचालय के अंदर गंदगी का अंबार लगता जा रहा साथ ही सुनने में आया है उक्त शौचालयों का रख रखाव और सफाई के उद्देश्य से एक कर्मचारी भी सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है जिसका एक निश्चित पारिश्रमिक भी रखा गया है तो बात यह उठती है कि जब उक्त शौचालयों के रखरखाव को कर्मचारी नियुक्त है तो फिर वर्षों बीतने के बाबजूद शौचालय सफेद हाथी क्यों बना हुआ है या उक्त शौचालय केवल धन को ठिकाने लगाने के लिए ही बनाया गया था।
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