अनूप सिंह
महोबा। मां चंद्रिका महिला महाविद्यालय महोबा के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर की तीनों इकाइयों की स्वयं सेविकाओं ने कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ज्योति सिंह प्रोफेसर जगभान सिंह डॉ. नितिन द्विवेदी के नेतृत्व में मृदुला ग्राम वासियों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया।
स्वयं सेविकाओं ने जल का महत्व बताते हुए कहा कि जल ही जीवन है अतः इसे व्यर्थ ना बहने दे। जितनी आवश्यकता हो उतना ही जल उपयोग करें। इसके पश्चात एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर चंद्रशेखर प्राण (पूर्व राष्ट्रीय निदेशक नेहरू युवा केंद्र संगठन भारत सरकार) उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं शुद्ध पेयजल की स्वच्छता के लिए जन सामान्य की पूर्ण सहभागिता बहुत जरूरी है।
पूर्ण सहभागिता तभी संभव है जब विचार निर्णय और क्रिया तीनों स्तरों पर लोगों को भागीदार बनाया जाए और सही अर्थों में सत्ता अर्थात निर्णय का विकेंद्रीकरण भी है। महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉक्टर चतुर्वेदी जल की उपयोगिता बताते हुए कहा कि इसके बिना मनुष्य तो क्या पशु पक्षियों पेड़ पौधों का जीवन भी संभव नहीं है। डॉ. नितिन द्विवेदी ने भी जल की महत्वता पर विस्तार से प्रकाश डाला और मानसी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जल का अधिक से अधिक संचय करें इसे बेकार ना बहाये।
प्रचार डॉक्टर ज्योति सिंह ने अपने आये हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन सविता राजपूत ने किया। संगोष्ठी की व्यवस्था में शिवम विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, सत्येंद्र सिंह, लक्ष्मी देवी एवं समस्त स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।
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