1.4 करोड़ रूपये घोटाले का ग्रामीणों ने की शिकायत
1.4 करोड़ रूपये घोटाले का ग्रामीणों ने की शिकायत
जिलाधिकारी से लगायी न्याय की उम्मीद
1.4 रुपये के घोटाले में फिर से आया एक नया मोड़
संदीप पाण्डेय
ऊंचाहार, रायबरेली। प्रदेश सरकार भले ही लाख योजनाएं चलाकर ग्रामीणों की हमदर्द बनी रहे लेकिन उन योजनाओं के धन का बंदरबाट कर हड़प किया जाना संभावित है। अब चाहे व सरकार के सरकारी कर्मचारी हो या ग्रामीणों द्वारा चुना गया एक ग्राम प्रधान सेवक हो। आखिर पैसा जो सरकारी है, कुछ ऐसा ही विकास खंड ऊंचाहार के पट्टी रहस कैथवल का मामला प्रकाश में आ रहा है।
जहा विकास कार्य के लिए पंचायती राज विकास निधि से आने वाले 1.4 करोड़ रुपए का घोटाला कर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी ने सरकारी धन को हड़प कर बंदरबाट कर लिया है। बता दें कि बीते दिनों ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से कर मामले में निष्पक्ष जांच कराने की न्याय की गुहार लगाई थी। जिसमें ग्रामीणों में ललित कुमार, सैलेश मौर्या, सुरेंद्र, दीपक इत्यादि ग्रामवासी का आरोप था कि ग्रामसभा में पंचायती राज विभाग से आने वाले धन के घोटाले जांच कराने के लिए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया था।
जिसमें जिलाधिकारी के आदेश पत्रांक संख्या 2081 में हुए घोटाले की जांच कराने के लिए पक्ष-विपक्ष की उपस्थिति में 30 दिवस के अंदर अभिलेखीय साक्ष्य एवं कार्यस्थल की फोटो ग्राफ सहित टीम गठित कर उच्च अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे किंतु जांच टीम की बेहतर कार्यों का विरोध जताते हुए पुनः जिलाधिकारी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
जांच में गठित टीम ने लगायी रिपोर्ट
बता दें कि जिलाधिकारी के आदेश पत्रांक संख्या 2081 का पालन कर गठित टीम ने ग्रामसभा में हुए धन के घोटालेबाजों से मेल मिलाप कर न ही मौके की जांच की और न ही शिकायतकर्ताओं की सूचना दी जबकि इसके बदले में पूर्व में हुए जांच रिपोर्ट को वर्णन करते हुए जिलाधिकारी के समक्ष रखते हुए शिकायत पत्र पर काली पट्टी बांध दिया। आखिर काली पट्टी बंधे क्यों न मामला जोकि 1.4 करोड़ का है।
ग्रामीणों ने जांच रिपोर्ट पर जताया आक्रोश
उक्त ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों पर आवाज उठाना एक नारा है कि भ्रष्टाचार को खत्म कर विकास के पहिए को आगे बढ़ाना है लेकिन यहां सरकार भ्रष्टाचारियों के प्रति लाख आवाज उठाने का जिम्मा ले किंतु जब सरकार सरकारी कर्मचारी ही भ्रष्टाचारी हो तो भाजपा सरकार के विकास के पहिए की गति को विराम लगना संभव है। फिलहाल हम ग्रामीण अंचलवासी ग्राम में हुए घोटाले की जांच कराकर घोटालेबाजों पर कार्यवाही कराएंगे।
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