वैश्य हिन्दू मुस्लिम फसाद से दूर रहें, सत्ता में हिस्सा लेने की रणनीति पर मत दें

वैश्य हिन्दू मुस्लिम फसाद से दूर रहें, सत्ता में हिस्सा लेने की रणनीति पर मत दें

वैश्य समाज हिन्दू मुस्लिम फसाद से दूर रहें। सत्ता में हिस्सा लेने हेतु ठोस रणनीति पर मतदान करेंगे तो 2027 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में पहुंचने का रास्ता खुल जायेगा। सभी पार्टियां वैश्य बाहुल्य सीटों पर टिकट देने पर आत्ममंथन करके टिकट देने पर विचार करेंगी। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व को अपनी ग़लती का एहसास होगा। भाजपा के रणनीतिकारों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। भाजपा ने ऐसा माहौल बना दिया है कि ठाकुर, ब्राह्मण एवं वैश्य भाजपा के परम्परागत मतदाता हैं। ब्राह्मण तो समय-समय पर रणनीति बदलते रहते हैं।

कमोवेश कुछ हद तक ठाकुर भी ब्राह्मणों के रणनीति का अनुसरण करते रहते हैं। अब वैश्य समाज भी ब्राह्मणों की रणनीति अपना लिया है। इस चुनाव में वैश्य बाहुल्य सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों को हराने पर ही सत्ता में हिस्सेदारी मिलेगी किन्तु नई पीढ़ी ने पुरानी परम्पराओं को इस चुनाव में तोड़ने जा रही है। संविधान एवं लोकतंत्र को बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। नई पीढ़ी ने पुरानी परम्पराओं को दरकिनार करते हुए सत्ता में अपनी हिस्सेदारी लेने के लिए दृढ़ संकल्प ले लिया है। अब उनके दिलों में सत्ता पाने की ज्वाला धधक रही है। अब कोई ताक़त रोक नहीं सकता है। अब हमें अपने सहयोगियों के रणनीति पर अमल करना चाहिए। वर्तमान चुनावी रणनीति में परिवर्तन करना पड़ेगा तभी वैश्य समाज की पहचान बनेगी तथा वैश्य भाजपा का बंधुआ मजदूर की तरह मतदान करता है। इस धारणा को बदलने के लिए तीसरे चरण के मतदान के पहले कारगर रणनीति के कार्यक्रम की शुरुआत करनी पड़ेगी। लोकतंत्र एवं संविधान बचाने केलिए भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए हर स्तर की कुर्बानी देने के लिए पिछड़े वैश्यों को आगे आकर सभी वैश्यों के लिए कार्य करने के लिए तैयार रहना होगा।
आशंका पहले से ही था कि भाजपा लोकसभा चुनाव के समय अपने 10 वर्षों के काम के आधार पर ओट नहीं मांग पायेगी, क्योंकि सभी प्रमुख वादों से मुकर गई है। जैसे बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार बीजेपी सरकार, प्रति वर्ष दो करोड़ युवकों को नौकरी/रोजगार मिलेगा। भ्रष्टाचार मुक्त भारत होगा। किसानों को दो-गुना आमदनी होगी। 2021 में जनगणना के साथ जाति आधारित जनगणना कराने का वादा किया था। मोदी जी का नारा खोखला साबित हुई है तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है। नोटबन्दी एवं जीएसटी कुछ लोगों के लिए वरदान साबित हुई उनकी पूंजी बाढ़ की पानी की तरह बढ़ी है किन्तु अधिकत्तर वैश्यों व छोटे एवं मझोले उद्योगपतियों की पूंजी ही डुब गई। मोदी जी की अन्य घोषणाएं फ्लॉप हो गई हैं, इसीलिए मैंने 20 अगस्त 2023 मे वैश्यों को आगाह किया था कि हिन्दू मुस्लिम फसाद से दूर रहें। अखबारों में प्रकाशित हुआ था। अवलोकन करें। पहले चरण में पिछड़ने के बाद हिन्दू मुस्लिम का राग अलापने की शुरुआत हो चुकी है। सत्ता हथियाने का एक मात्र रास्ता बचा है। इस मंसूबे पर इस बार पानी फेरने की जरूरत है।
ध्रुवचन्द जायसवाल
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अपना समाज पार्टी

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