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मछलीशहर, जौनपुर। माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रान्तीय प्रधान महासचिव एवं एमएलसी प्रत्याशी स्नातक निर्वाचन खण्ड वाराणसी फौजदार सिंह अखिलेश ने कहा है कि माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक आखिर किस अपराध की सजा भुगत रहे हैं। जबकि समान कार्य का समान वेतन उच्चतम न्यायालय का आदेश है, फिर भी इन शिक्षकों को इससे वंचित क्यों रखा जा रहा है।
सेवा नियमावली के बार-बार आश्वासन के बाद भी आखिर किस कारण अब तक सेवा नियमावली नहीं बनाई जा रही है। राष्ट्रवादी विचारधारा से अभिसिंचित, सुयोग्य शिक्षकों को आखिर क्या इस बात की सजा दी जा रही है कि ये लोग गरीब, मजदूर, शोषित एवं वंचित लोगों के बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। आज की इस महंगाई में वित्त विहीन शिक्षकों के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है। सरकार को चाहिये कि हमारे शिक्षकों एवं स्नातक बेरोजगारों के लिये भी जीवन यापन की व्यवस्था करंे।
उन्होंने कहा कि अपनी आवश्कताओं को सीमित करके कम पैसे में ही शिक्षित करके अपने प्रदेश को चिकित्सक, अभियंता, अधिवक्ता, शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारी देना क्या अपराध है अगर यह सब अपराध नहीं है तो सरकार इनके साथ भी अपराध न करे। जिस प्रदेश और देश का शिक्षक, शिक्षित युवा खुशहाल नहीं होगा, वह प्रदेश व देश सम्यक उन्नति नहीं कर सकता है। इसलिए सरकार इन शिक्षकों एवं स्नातक बेरोजगारों पर अतिशीघ्र ध्यान दें।
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