यूपी में इस बार इण्डिया गठबंधन के खेवनहार बने निषाद

यूपी में इस बार इण्डिया गठबंधन के खेवनहार बने निषाद

निषाद पार्टी के खोते जनाधार में मुकेश सहनी ने निषादों में बनायी पकड़
इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निवास करने वाला निषाद समाज इंडिया गठबंधन का खेवनहार बना। वहीं भारतीय जनता पार्टी तथा सहयोगी निषाद पार्टी निषादों में बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सके। जहां निषाद समाज का 60 से 70 प्रतिशत वोट इंडिया गठबंधन के पाले में चला गया, अधिकतर वहीं यूपी में उत्तर प्रदेश में निषाद समाज का 23 लोकसभा सीटों पर प्रभाव है। ऐसे में निषाद समाज को हर पार्टी लुभाने की कोशिश में लगी थी। प्रदेश की करीब 23 लोकसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समुदाय के लोग तकरीबन हर दल की नैया के खेवनहार बनते रहे हैं। यह उनकी सियासी ताकत ही है कि हर दल उन्हें लुभाने में जुटा हुआ था।
सत्ता पक्ष मछुआ बोर्ड बनाने और मत्स्य विभाग को स्वतंत्र विभाग का दर्जा देने को बड़ी उपलब्धि बता रहा है तो विपक्ष अपने कार्यकाल के दौरान समाज हित में किए गए कार्यों की दुहाई दे रहा था। 23 लोकसभा सीटों पर निषाद समाज की आबादी करीब 1 से 3 लाख तक है। निषाद के साथ ही इन्हें बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, बाथम, तुरैहा, धीमर, रायकवार के रूप में पहचाना जाता है। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक केवट, मल्लाह, निषाद की पिछड़ी जातियों में भागीदारी 4.33 फीसदी है और कहार, कश्यप की 3.31 फीसदी जबकि निषाद समुदाय के लोगों का दावा है कि समिति की रिपोर्ट में सिर्फ निषाद, मल्लाह, केवट को लिया गया है। मध्य उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मल्लाह बिरादरी के लोग कश्यप लिखते हैं जबकि विंध्य क्षेत्र में बिंद।
ऐसे में इनकी कुल भागीदारी करीब 8 फीसदी है। वहीं निषाद समाज के लिए आरक्षण के लिए सत्ता में रहने वाली निषाद पार्टी खुलकर वकालत करती रही लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में आने के बाद से आवाज नरम पड़ गई। वहीं बिहार के पूर्व मंत्री व विकासशील इंसान पार्टी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी लगातार भारतीय जनता पार्टी पर निषाद समाज के आरक्षण को लेकर धोखेबाजी वादा खिलाफी का आरोप लगाते रहे और खुलकर हमलावर रहे। वहीं बिहार में इंडिया गठबंधन के साथ 3 सीटों पर चुनाव लड़ा जहां लगभग 12 लाख से अधिक मत प्राप्त हुए। वहीं उत्तर प्रदेश निषादों में यह संदेश गया कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर निषाद समाज का आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा। इस बार मुकेश सहनी के कहने पर निषाद समाज इंडिया गठबंधन का साथ दिया तो 2019 में 65 सीट पाने वाली बीजेपी इस बार 33 सीटों पर सिमट कर गई। वहीं पूर्व निषाद समाज में खासा नाराजगी व्यक्त की जा रही थी। इस बार भारतीय जनता पार्टी को समाज के आक्रोश के चलते वोट ट्रांसफर नहीं हुए। आक्रोश झेलना पड़ा पड़ा।

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

Jaunpur News: Two arrested with banned meat

JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोकझोंक, जानिए क्या है मामला

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Read More

Recent