अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का तीसरा दिन

अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का तीसरा दिन

एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूल मंत्र
57 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों की आम राय
आरएल पाण्डेय
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 23वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के तीसरे दिन का शुभारम्भ प्रातः सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। इससे पहले सम्मेलन का शुभारम्भ सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के छात्रों द्वारा प्रस्तुत स्कूल प्रार्थना ‘आई बियर विटनेस ओ माई गॉड’ से हुआ तथापि सी.एम.एस. छात्रों ने विश्व के ढाई अरब बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए जोरदार शब्दों में अपनी अपील प्रस्तुत करते हुए मानवाधिकारों एवं एकता, शान्ति व न्याय पर आधारित विश्व व्यवस्था की माँग की। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे 57 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री. इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश, विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुखों समेत 250 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने छात्रों की अपील का पुरजोर समर्थन किया।

इस मौके पर बोलते हुए इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैंड के सेकेण्ड वाइस प्रेसीडेन्ट, डॉ एंटोनी केसिया-एमबी मिंडुआ कहा कि एकता व शान्ति ही मानवता के विकास का मूलमंत्र है। मैं डॉ. जगदीश गाँधी के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होने आज की जरूरत को पहचाना और विश्व के बच्चों के सुरक्षित व सुखमय भविष्य के लिए विगत कई वर्षों से इस सम्मेलन को आयोजित कर रहे हैं। इस अवसर पर सोमालिया सुप्रीम कोर्ट के जज, न्यायमूर्ति अब्दिकादिर इदिरिस एसा, नाइजीरिया सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति ओलुकायोदे अरिवूला, अंगोला सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट, जस्टिस डॉ जोएल लियोनार्डो एवं जमैका सुप्रीम कोर्ट की जज न्यायमूर्ति सुश्री सोनिया एंजेला बर्ट्राम लिंटन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सम्मेलन के तीसरे दिन ‘ग्लोबल सिटीजनसिप एजूकेशन रोल इन एचीविंग द सस्टेनबल डेवलपमेन्ट गोल्स’ थीम पर शिक्षाविदों, न्यायविदों व कानूनविदों की विशेष परिचर्चा सम्पन्न हुई। परिचर्चा में रूस की टूमेन यूनिवर्सिटी के रेक्टर प्रो. इवान सर्गीविच रॉमनचुक बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलत हुए। यह परिचर्चा सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के संयोजकत्व में सम्पन्न हुई जिसका संचालन डा. शिशिर श्रीवास्तव हेड इण्टरनेशनल रिलेशन्स सी.एम.एस. ने किया। परिचर्चा में बोलते हुए रूस की टूमेन यूनिवर्सिटी के रेक्टर प्रो. इवान सर्गीविच रॉमनचुक ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन विश्व के देशों को नई विश्व व्यवस्था के मुकाम पर पहुँचायेगा। उन्होंने विश्व के नेताओं का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि हाथ से हाथ और ऐसा विश्व बनाएं जहाँ शांति व एकता का साम्राज्य हो और हमारे बच्चे सुरक्षित रह सके। अफ्रीका की स्टेलनबॉश यूनिवर्सिटी के चांसलर न्यायमूर्ति एडविन कैमरून ने कहा कि हमें सोचना है कि किस प्रकार इस राजनैतिक परिवेश को विश्व शांति की स्थापना के लिए इस्तेमाल किया जाय, ताकि बच्चों व आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

परिचर्चा में टर्की के येडीटेप यूनिवर्सिटी के वाइस-डीन डा. आर. बारिश इर्मान, प्रो. तैस्या पेगोडावा, हेड ऑफ डेवलपमेन्ट प्रोग्राम, टूमेन रूस एवं सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी समेत कई शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त किये। परिचर्चा के उपरान्त सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने धन्यवाद किया। इसके अलावा, इस ऐतिहासिक अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के तीसरे दिन आज 57 देशों से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों ने विभिन्न पैरालल सेशन्स में जमकर चर्चा परिचर्चा की। जहाँ ‘क्रिएटिंग कल्चर ऑफ यूनिटी एण्ड पीस’ थीम के अन्तर्गत ग्लोबल सिटीजनशिप एजूकेशन, क्रास कल्चरल अण्डरस्टैंडिंग, यूनिटी एण्ड को एक्जिस्टेन्स ऑफ रिलीजन, इण्टरफेथ डायलॉग, रोल ऑफ सिविल सोसाइटी आदि विषयों पर चर्चा हुई तो वहीं ‘स्टैब्लिशिंग रूल ऑफ लॉ थीम के अन्तर्गत क्रिएशन ऑफ वर्ल्ड पार्लियामेन्ट टू इनैक्ट इन्फोर्सेबल वर्ल्ड लॉ, लिमिटेशन्स आफ इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस एण्ड इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, रिलेशनशिप बिटवीन इण्टरनेशनल लॉ एण्ड डोमेस्टिक लों आदि विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

‘ह्यूमन राइट्स’ थीम के अन्तर्गत वायलेन्स इन एण्ड अगेन्स्ट चिल्ड्रेन, राइट्स ऑफ चिल्ड्रेन एवं राइट्स ऑफ वोमेन एण्ड जेण्डर इक्वलिटी आदि विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। इसी प्रकार ‘ग्लोबल गवर्नेन्स स्ट्रक्चर’, ‘टैकलिंग ग्लोबल इश्यूज’, एवं ‘सस्टेनबल डेवलपमेन्ट’ आदि विषयों एवं उप-विषयों पर जमकर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

इस ऐतिहासिक सम्मेलन के संयोजक व सी.एम.एस. संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में मुख्य न्यायाधीशों के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि न्यायविदों का मानना था कि बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। अतः एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण होना चाहिए जिससे विश्व में न्याय, एकता व शान्ति स्थापित हो सके, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाये, बच्चों पर अत्याचार और अन्याय समाप्त हो, सबको चिकित्सा का लाभ मिल सके और युद्ध समाप्त हो। डा. गाँधी ने बताया कि ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन पूरी तरह से विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरिओम शर्मा ने बताया कि दिन विभिन्न देशों के न्याश्विदों व कानूनविदों की परिचर्चाओं व विचार-विमर्श के उपरान्त आज सायं 6.30 बजे इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठिान के ज्यूपिटर हॉल में ‘साँस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है । प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन के चौथे दिन का उद्घाटन 21 नवम्बर को प्रातः 9 बजे उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जायेगा। इसी दिन सायं 6.30 बजे सम्मेलन के समापन सत्र एवं साँस्कृतिक संध्या का आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में होगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे।

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