दुकानदारों के बीच हुई मारपीट का कारण बनी पालिका के अधिकारियों की कार्य प्रणाली
दुकान के सामने अतिक्रमणकारी की शिकायत कई बार दुकानदार कर चुके थे
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। अधिकारियों की लापरवाही और कार्य प्रणाली विवादों को जन्म देती है। कुछ ऐसी ही लापरवाही के चलते दो दुकानदारों के बीच जमकर मारपीट हुई जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है लेकिन सच्चाई जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे क्योंकि इसमें लापरवाही अधिकारियों की है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के जेल गार्डन रोड में बने एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों ने कई बार नगर पालिका के अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया कि उनके दुकान के सामने एक चाय की लोहे की दुकान रखी हुई है जो नगर पालिका के नाले के ऊपर रखी गई है जिसके कारण पीछे के दुकानदारों का व्यावसायिक नुकसान हो रहा है लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी समय से नगर पालिका के अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की जिसके चलते यह मामला मारपीट तक आ पहुंचा।
बीती 25 मई को चाय की दुकान चलाने वाले अतिक्रमणकारी व दुकानदारों के बीच विवाद बढ़ गया और मामला मारपीट तक आ पहुंचा। आक्रमणकारी ने एक दुकानदार को जमकर पीटा। इसके बाद पुलिस ने दोनों ही पक्षों से प्रार्थना पत्र लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन अब यह सवाल उठता है कि पीड़ित के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज किया गया, क्योंकि पीड़ित लगातार प्रशासन को अतिक्रमणकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र लिख रहा था। अब इस प्रकरण में आखिर दोषी कौन है? आक्रमणकारी या फिर नगर पालिका के अधिकारी? इन दोनों के बीच में एक शिकायतकर्ता दुकानदार सही होने के बाद भी फंस गया और उसके खिलाफ भी मुकदमा हो गया।
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