बुलडोजर की आहट से उड़ी नींद, करवट बदलते बीती रात
बुलडोजर की आहट से उड़ी नींद, करवट बदलते बीती रात
अंबेडकरनगर। तमसा नदी की भूमि को खाली कराने के लिए बुलडोजर चलाने को लेकर सोमवार से शुरू हुए स्थलीय सीमांकन के बाद संबंधित परिवारों में अफरातफरी का माहौल रहा। तमाम प्रभावित व्यक्तियों के घर में लोग पूरी रात सो नहीं पाए। कहीं दंपती चिंता करते रहे तो कहीं पूरा परिवार यह विमर्श करता रहा कि अब क्या होगा। बुलडोजर चलने का खौफ इस कदर था कि तमाम घरों में खाना नहीं बना। वैकल्पिक प्रबंधों से भूख मिटाई गई।
यह सब बातें मंगलवार को नागरिकों ने खुलकर एक दूसरे से शेयर की। अधिकारियों से मिलने पहुंचे नागरिकों ने भी इसी तरह की जानकारी वहां दी। तमसा नदी की भूमि को खाली कराने के निर्णय के बाद से ही अकबरपुर नगर में हड़कंप की स्थिति है। पहले तो नागरिकों को लगा कि कोई खास प्रक्रिया नहीं होगी लेकिन सोमवार से तहसीलदार जेपी यादव के नेतृत्व में 2 टीम ने चिन्हांकन शुरू कर दिया तो कार्रवाई की जद में आने वाले नागरिकों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं।
वे परेशान तो प्रशासन के निर्णय से ही थे लेकिन अब चिन्हांकन शुरू होने के बाद सोमवार की रात संबंधित नागरिकों में से ज्यादातर को नींद नहीं आयी। कोई अपना घर तो कोई अपना कीमती अन्य भवन आदि गिरा दिए जाने की चिंता में डूबा रहा। तमाम घरों में तो परिवार के सभी सदस्यों ने पूरी रात तनाव और चिंता में ही गुजार दिया। कुछ घरों में तो खाना तक नहीं बना। ज्यादातर प्रभावित परिवारों में बदहवासी की स्थिति देखने को मिली।
मंगलवार को एसडीएम से मिलने गए नागरिकों ने ऐसी तमाम जानकारी वहां दी। वहां बताया गया कि कैसे नागरिकों के बीच माहौल है। उधर मंगलवार को तमाम प्रभावित अपने अपने घर और प्रतिष्ठान के कागजात लेकर दौड़ते रहे। उनका तर्क था कि खतौनी की भूमि पर निर्माण के चलते कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कई प्रभावितों ने कोर्ट कचहरी की शरण मे जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
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