तहसीलदार की शह पर खतौनी के नाम पर की जा रही धनउगाही
तहसीलदार की शह पर खतौनी के नाम पर की जा रही धनउगाही
15 रूपये निर्धारित मूल्य लिखकर जबरन वसूला जा रहे 20 रुपये
विपिन मौर्य एडवोकेट
मछलीशहर, जौनपुर। राजस्व विभाग की मनमानी स्थानीय तहसील के खतौनी विभाग में निर्धारित सरकारी मूल्य के अलावा 5 रूपये काश्तकारों वादकारियों व अधिवक्ता समेत सभी से भूलेख खतौनी में निर्धारित सरकारी मूल्य 15 रूपये के अलावा खतौनी में 5 रूपये अतिरिक्त वसूली की जा रही है। इस सम्बन्ध में जब तहसीलदार अमित त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिस्टम जैसे चल रहा है, वैसे ही चलने दो। ज्यादा हीरो बनने की कोशिश मत करो।
इतना ही नहीं, उन्होंने बड़ी मजबूती के साथ एक मजेदार बात यह भी कही कि कोई कितनी भी मेरी शिकायत कर लें लेकिन मेरा कोई कुछ भी नहीं हो सकता। मैं मछलीशहर अपनी मर्जी से आया हूँ और जब भी यहाँ से जाऊंगा तो अपनी मर्जी से ही जाऊंगा। एक जिम्मेदार अधिकारी की बातों से तो ऐसा लग रहा है कि सूबे की सरकार निष्क्रिय हो गई है।
इसको लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है तथा लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि जहां सूबे की भाजपा सरकार अपने प्रशासनिक को चुस्त-दुरुस्त शासन और सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने की वजह से पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है, वहीं उसी सरकार के प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करते हुए सरकार की सशक्तिकरण के सभी मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। फिलहाल अब देखना यह है कि तहसीलदार जैसे जिम्मेदार अधिकारी द्वारा उपरोक्त कही गयी बातों पर शासन-प्रशासन कितना गम्भीर होता है?
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