नहर सूखने से डूब रही किसानों की उम्मीद
शिवेन्द्र नारायण तिवारी
बारा, प्रयागराज। विकास खंड शंकरगढ़ अन्तर्गत गावों की नहरे सूखी पड़ी है जून का माह आधा बीतने को है लेकिन अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से धान की नर्सरी लगातार पिछड़ रही हैं। जिन किसानों के पास बोरबेल सुविधा है उन्होंने तो धान की नर्सरी डाल दी लेकिन बहुत से किसान नहर और बारिश के पानी पर ही अपनी आस बांध के रहते है। इस समय नहर में पानी न आने से किसानों के सामने बड़ी समस्या बनी हुई हैं।
अगर यही हाल रहा तो किसानों को खेती करने में काफी कठिनाई खानी पड़ेगी पानी के लिए निजी कंपनी सेट लगे हुए हैं लेकिन लोग बोलते जो बिजली कटौती सेवा भी नहीं चल पा रहे हैं जिससे किसानों की नर्सरी सूख रही है। ऐसी ही हालत ग्राम सभा देवरा के कई इलाकों में नहर नाम मात्र रह गई है नहर से होकर तालाब तक पानी जाता हैं लेकिन कई वर्षों से ध्वस्त नहर को न सिंचाई विभाग और न ही उच्च अधिकारी संज्ञान में ले रहे हैं जिसके चलते तालाब सूख गए हैं नहर वा तालाब में धूल उड़ती दिखाई देती है जिससे किसानों को भारी कढ़िनाइयो का सामना करना पड़ रहा किसान भाई अपने आंसुओं को बयां नहीं कर पा रहे हैं वो अपने खेती की परवाह किए बिना खेतो के रास्ते तालाब में पानी भरते है
जिससे उनको कुछ राहत तो मिलती हैं लेकिन वह अपनी लागत तक निकलने में सफल नहीं हो पाते उत्तर प्रदेश सरकार भले ही किसानों के हित के लिए तमाम योजनाएं निकाल रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर किसानों की हालत बत से बत्तर हो रही हैं जिसको अधिकारियों द्वारा नजरंदाज किया जा रहा हैं जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही हैं।
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