कुड़वार बैंक आफ बड़ौदा में पासबुक में नहीं हो पा रही एण्ट्री
परेशान उपभोक्ताओं ने कहा- क्या नया नियम लागू हो गया?
जयशंकर दूबे एडवोकेट
कुड़वार, सुल्तानपुर। बैंक आफ बड़ौदा के मैनेजर व स्टाफ द्वारा नया नियम लागू किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि दस हजार रुपये से कम कैश भी नहीं दिया जाता है। ऐसा क्यों? मामला सुल्तानपुर कुड़वार बाजार कस्बे का है जहां बाजार में स्थित बैंक आफ बड़ौदा के उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि बैंक आफ बड़ौदा के मैनेजर से लेकर स्टाप तक अपने मनमर्जी से काम करते हैं।
वहीं बैंक आफ बड़ौदा में जाने वाले ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि बैंक में पासबुक पर एंट्री करवाने के लिए कई महीनों चक्कर काटना पड़ता है। जब बैंक में जाते हैं, पासबुक पर एंट्री करवाने के लिए स्टाफ द्वारा मना किया जाता है और बदतमीजी से बात किया जाता हैं जब वहां के मैनेजर से पासबुक पर एंट्री करवाने के लिए बात किया जाता है तो कहते हैं कल आना फिर जब अगले दिन जाते हैं तो बताया जाता है। मशीन खराब है ऐसे करते-करते कई महीनों चक्कर काटना पड़ जाता है, फिर भी पासबुक में एंट्री नहीं होती है। क्या बैंक में स्टाफ के कमी होने के कारण ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है या तो बैंक के स्टाप काम करने से बचना चाहते हैं।
आखिरकार बैंक में पासबुक पर एंट्री नहीं की जाती है। पासबुक पर एंट्री करवाने आए ग्रामीणों को निराश होना पड़ता है और बैंक के मैनेजर व स्टाफ के द्वारा कहा जाता है। सप्ताह में एक दिन पासबुक में एंट्री किया जाता है। क्या कुड़वार बाजार कस्बा मे बैंक आफ बड़ौदा में अलग नियम है? को अपने पैसे के लिए इतना दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं बैंक स्टाफकर्मियों द्वारा बदतमीजी से बात किया जाता है। आखिर क्यों ग्रामीण बैंक में खाता नहीं खोलते तो स्टाफ को सैलरी कहां से मिलेगी लेकिन यह स्टाप नहीं समझते। बैंक में आये ग्रामीणों को स्टाफ या मैनेजर द्वारा अच्छा व्यवहार करना चाहिए, ताकि ग्रामीण बैंक कर्मचारियों द्वारा व्यवहार से खुश हो जाएं लेकिन ऐसा व्यवहार बैंकों में देखने को मिलता नहीं है।
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