दलित एक्ट बना अपराधियों का हथियार तो अनुसूचित जाति/जनजाति थाना बना अपराधियों का संरक्षण केन्द्र
निशा कैमूर। जिले के अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के अपराधियों के लिए दलित एक्ट हथियार के रूप में कार्य कर रहा है तो अनुसूचित जाति/जनजाति थाना अपराधियों का संरक्षण केंद्र बन चुका है। बताते चलें कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए सभी प्रदेशों के सभी जिला में विशेष थाने एवं विशेष कोर्ट का व्यवस्था किया गया है। देखने को यह मिल रहा है कि इस वर्ग के अपराधिक प्रवृत्ति के लोग अपराध करके दंड से बचने के लिए एवं धन उगाही के लिए आए दिन दलित एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं।
अभी ताजा मामला कैमूर जिला के रामपुर प्रखंड अंतर्गत खरेंदा पंचायत के मुखिया एवं रोजगार सेवक के मिलीभगत से, मृतकों के नाम पर खानापूर्ति करते हुए सरकारी धन का गमन किया गया।जब इस संदर्भ में पंचायत वासी भोरेयाँ ग्रामवासी संतोष यादव द्वारा विरोध किया गया तो मुखिया द्वारा दलित एक्ट के तहत केस कर दिया गया। अभी इस मामले का जांच चल ही रहा था कि रामपुर प्रखंड के तिलोई ग्राम वासियों द्वारा,अतिक्रमण के विरुद्ध आवेदन देने एवं पैरवी किया गया जिसके वजह से अतिक्रमण पर करवाई होते देख, वहां के अनुसूचित जाति द्वारा आवेदकों के ऊपर ही मनगढ़ंत कहानी बनाकर दलित एक्ट लगा दिया गया जबकि कानूनतः एफ आई आर दर्ज करने से पहले प्रथम दृष्टया जांच आवश्यक है।
अनुसूचित जाति जनजाति के थानाध्यक्ष द्वारा मनमाने ढंग से बिना जांच किए हैं एफ आई आर दर्ज कर लिया गया है। दलित एक्ट में केस दर्ज होने पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा जांच आवश्यक होता है।पर उनके द्वारा भी इन दोनों मामले में स्थल पर पहुंचने के बाद भी जाँच सही रूप से नहीं किया गया।जब इस संदर्भ में थाना अध्यक्ष से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि आवेदक तेतरी देवी पति जगदीश पासवान के साथ मारपीट किया गया है जिसका की मेडिकल रिपोर्ट भी हमारे पास आया है। जबकि संवाददाता द्वारा इस विषय में जांच किया गया तो यह पाया गया कि 3 सितंबर को तेतरी देवी द्वारा जाति सूचक शब्द एवं मारपीट का आरोप लगाते हुए दलित एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है।
एवं मेडिकल रिपोर्ट दिन के 10:00 से 12:00 बजे का है जबकि थिलोई गांव के ग्राम वासियों से जानकारी मिला की उस दिन कोई किसी के साथ मारपीट हुआ ही नहीं था सिर्फ आवेदक पक्ष शोर शराबा मचाते हुए तथाकथित अपराधियों को ही गाली गलौज किया है।तेतरी देवी जिसे चोट लगने की बात कहां जा रहा है। वह स्कूल के रसोई में भोजन बनाती हैं और उस दिन भी 9 बजे से करीब 2:30 बजे तक स्कूल परिसर में रही हैं एवं स्कूल के पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज है। जब इस बात की जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनीता कुमारी को दिया गया तो उन्होंने कहा कि आगे जांच कर उचित कार्यवाही किया जाएगा। ऐसी कोई एक दो मामला नहीं है। इस तरह का अनेकों मामला आए दिन जिला के अंदर देखने को मिलता है कि इस वर्ग विशेष के लोग अपराध करते है और अपराध से बचने के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाकर सच्चे लोगों को ही परेशान करते हैं। मोटी से मोटी रकम मिलने के बाद सुलह करते हैं। अब देखना यह है कि कहां तक यहां के प्रशासनिक पदाधिकारी सच्चाई को सामने ला रहे हैं।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।