प्रभु मन्दिर का निर्माण कराता है निर्वाण की सिद्धि: मुनि आगम सागर
प्रभु मन्दिर का निर्माण कराता है निर्वाण की सिद्धि: मुनि आगम सागर
मुकेश तिवारी
झांसी। नगर के सुप्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सांवलिया पार्श्वनाथ करगुंवा जी में संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनिश्री आगम सागर महाराज, मुनिश्री पुनीत सागर महाराज का आगमन हुआ। इस मौके पर मुनिश्री अविचल सागर महाराज ने अपने गुरुभाइयों की मंगल आगवानी की। आर्यिकारत्न अनर्घमति माताजी ससंघ का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संत मिलन के इस वात्सल्यमयी दृश्य को देखकर उपस्थित जनसमूह ने जयजयकार कर मुनिसंघ का पाद प्रक्षालन किया।
पूज्य मुनि आगमसागर महाराज ने सांवलिया पार्श्वनाथ भगवान के नवनिर्मित विशाल जिनालय की प्रशंसा करते हुए धर्म सभा में कहा कि जो प्रभु का मंदिर बनाता है, वह निश्चित ही अगले भव में निर्वाण की सिद्धि को प्राप्त कर अपना कल्याण करता हैं। जिसका सौभाग्य होता है, वह ही ऐसे पवित्र कार्य कर पाता हैं।
इसके पहले मुनिश्री अविचलसागर एवं मुनिश्री पुनीत सागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। वंदनीय आर्यिकारत्न अनर्घमति माताजी ने गुरुदेव के गुणों का बखान करते हुए जैन दर्शन के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव (आदिनाथ भगवान) का जन्म कल्याणक उत्साहपूर्वक मनाने के लिए आह्वान किया।
इस अवसर पर पुलक जन चेतना मंच मुख्य शाखा अध्यक्ष दिनेश जैन डीके, उत्तरांचल तीर्थक्षेत्र कमेटी के महामंत्री प्रवीण जैन, समाजसेवी मनोज अछरौनी, संजय छतरपुर, अलंकार जैन, विवेक नायक, प्रमोद वैरायटी, अनिल बाजा, अंकित सर्राफ, सौरभ सर्वज्ञ, गौरव जैन नीम, भागचंद जैन, विपिन ओम बिजली, विनोद ठेकेदार, सुनील दाऊ, ऋषभ पड़रा, अमीश बड़जात्या, देवेश केडी, कुलदीप जैन, शुभम जैरी, सागर जैन, अमन मोदी, शुभम छोटू, दिव्यांश सिंघई, सावन जैन, संदीप जैन, राजीव रानू, विवेक भगतजी आदि सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने मुनि संघ के चरणों में श्रीफल भेंट कर भगवान आदिनाथ एवं महावीर जयंती के उपलक्ष्य में सानिध्य प्रदान करने का आग्रह किया।
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