जौनपुर। पूर्ण स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विवेक पाण्डेय के नेतृत्व में स्ववित्तपोषित शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल नगर राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव से मुलाकात कर पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अप्रैल माह से जुलाई माह तक वेतन भुगतान न करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए इस प्रकरण में हस्तक्षेप करने की माँग किया।
संघ के अध्यक्ष डॉ. विवेक पाण्डेय ने माननीय मंत्री जी एवं बीजेपी के जिलाध्यक्ष को अवगत कराते हुए बताया कि महाविद्यालयों द्वारा वैश्विक महामारी कोविड 19 का बहाना बनाकर अपने कर्मचारियों को पिछले 4 माह से वेतन भुगतान नही किया गया है जबकि महाविद्यालयों द्वारा छात्रों से वैश्विक महामारी शुरू होने के पहले ही 2019 जुलाई में ही सभी महाविद्यालयों ने अपने छात्रों पूरे वर्ष की फीस अर्थात जुलाई 2020 तक कि फीस ले ली गयी है फरवरी माह तक तो सभी महाविद्यालयों ने अपने कर्मचारियों को वेतन दिया।
किन्तु जैसे ही वैश्विक महामारी कोविड 19 की शुरूआत हुई इन महाविद्यालयों ने अपने कर्मचारियों को वेतन देना बंद कर दिया जबकि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शिक्षकों की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए मार्च महीने में प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश निर्गत किया गया कि सभी विश्वविद्यालय अपने से सम्बद्ध स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षको एवं कर्मचारियों के वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जिस पर लगभग 20 प्रतिशत महाविद्यालयों ने तो अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया लेकिन 80 प्रतिशत महाविद्यालयों अर्थात 600 से ज्यादा महाविद्यालयों ने पिछले 4 माह से अपने कर्मचारियों को वेतन नही दिए है।
जिसके कारण इस समय कई हजार शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं उनके पाल्यो के सम्मुख जीविकोपार्जन की गम्भीर समस्या उतपन्न हो गयी है। महाविद्यालयों द्वारा इस तरह के शोषण के पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही एवं महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की मिलीभगत प्रमुख कारण है विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्ववित्तपोषित शिक्षको के प्रति उदासीनता के कारण शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी हताश और निराश है और उत्तर प्रदेश सरकार की भ्र्ष्टाचार के प्रति जीरो परसेंट टॉलरेंस की नीति के आधार पर उम्मीद लगाए बैठे है कि शासन इस तरह के भ्र्ष्टाचार पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराएगा और लगभग 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के साथ न्याय करेगा।
अध्यक्ष डॉ. विवेक पाण्डेय ने माँग किया कि इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को आदेश निर्गत हो कि विश्वविद्यालय सभी महाविद्यालयों का पिछले 6 महीने के बैंक स्टेटमेंट की जाँच कराए एवं जिन महाविद्यालयों द्वारा इस तरह का भ्र्ष्टाचार किया गया है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
जिस पर माननीय मंत्री जी ने प्रतिनिधिमंडल को आस्वस्थ किया कि अतिशीघ्र ही इस प्रकरण को माननीय उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के संज्ञान में लाकर ऐसे महाविद्यालयों जिन्होंने अपने कर्मचारियों को वेतन भुगतान नही किया है शासन द्वारा उन पर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह, डॉ. अरविंद उपाध्याय, डॉ. एस पी सिंह इत्यादि सम्मिलित रहे।