जनपद के ऐतिहासिक नुमाइश मेला मैदान पर हुआ ताड़का वध
प्रदीप कुमार
हरदोई। नुमाइश मेला में मंचित हो रही ऐतिहासिक श्री रामलीला में मुनि विश्वामित्र अपना यज्ञ आरंभ करते हैं जिसका राक्षस विध्वंस कर देते हैं।
मुनि विश्वामित्र क्रोध में राक्षसों को श्राप देकर भगा देते हैं। उनके हृदय में चिंता हो जाती है। ध्यान लगाकर देखते हैं कि अयोध्या में प्रभु श्री राम का जन्म हो चुका है। वे उन्हें लेने के लिए अयोध्या जाते हैं और महाराज दशरथ से मिलते हैं और राम लक्ष्मण को ले जाने के लिए कहते हैं। महाराज रोने लगते हैं। तब वे क्रोध में आकर अयोध्या को जलाने की बात करते हैं।
वशिष्ठ जी आकर समझाते हैं। उन्हें सरयू किनारे से लौटा कर लाते हैं। फिर महाराज राम लक्ष्मण दोनों भाइयों को भेजते हैं।
माता कौशल्या के पास जाकर भी श्री राम आज्ञा लेकर आते हैं। अब वे गुरुदेव के साथ आगे चलते हैं तो ताड़का मार्ग में मिलती है। गुरुदेव आज्ञा देते हैं। राम जी धनुष पर बाण चढ़ाते हैं और एक ही बाण से ताड़का को समाप्त कर देते हैं।
अब वे आश्रम पहुंच जाते हैं। इस मौके पर श्री कृष्णा अवतार दीक्षित, प्रेमशंकर द्विवेदी, अमित बाजपेई, मनोज शुक्ला, प्रमोद मिश्रा, मुनेंद्र सिंह, पुनीत द्विवेदी, संजय शुक्ला, समीर शुक्ला सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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