इसे संविधान का विधान कहे या फिर कस्बा इंचार्ज मिश्रिख की दादागिरी?

इसे संविधान का विधान कहे या फिर कस्बा इंचार्ज मिश्रिख की दादागिरी?

विशाल रस्तोगी
सीतापुर। क्या एक पुलिस अधिकारी वह भी कस्बा इचार्ज संविधान के विधान को तोड़ सकता है? क्या एक पुलिस अधिकारी किसी भी नागरिक के स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबन्ध लगा सकता है? क्या कास्बा इचार्ज देश का कानून यह अधिकार देता है कि वह पत्रकार की कवरेज में बाधा उत्पन्न करे और खबर की कबरेज करते हुए उसको केवल अपनी खुन्नस के आधार पर उसको हिरासत में लेकर घण्टो थाने में बिठाये रखे और बाद उसे छोड़ दे? क्या एक प्रतिष्ठत पत्रकारों को यह जानने का भी अधिकारी नही है कि पुलिस ने उसको किस आरोप में पकड़ा है कम से कम आरोप ही बता दे। मिश्रिख के एक दो नही बल्कि कई पत्रकार पुलिस के कहर से परेशान है। मिश्रिख कोतवाली पुलिस पर सीएम आदित्यनाथ योगी के आदेशो और निर्देशों का भी कोई असर नही पड़ रहा है।

इस पखवारे के दौरान केवल मिश्रिख कोतवाली क्षेत्र में तीन पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है एक पत्रकारों तो आज भी जिला अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार करवा रहा है तो गौरव सिंह चौहान जिन पर आज तक 151 का भी केस दर्ज नही है उनका दामन बेहद पाक साफ है ऐसे पत्रकारों को भी कस्बा इचार्ज ने बिना किसी कारण और विवाद के हिरासत में लाकर थाने की हवा खिला दी। अब कस्बा इचार्ज शैलेन्द्र सिंह कनौजिया से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर एक सम्मानित राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता जो कोतवाली थाने की हवा खाने के बाद भी बेदाग है उसको किस आधर पर हिरासत में लिया गया? अपराध कस्बा इचार्ज नही रोक पा रहे इसमें पत्रकार की क्या गलती? तरह तरह के आरोप कस्बा इचार्ज शैलेन्द्र पर लग रहे है। दागी उनकी खाकी उनकी ही कार्यशैली से हो रही है, फिर कबरेज कर रहे पत्रकार गौरव सिंह चौहान का क्या दोष? पत्रकार को सार्वजनिक स्थान पर घटिया कार्यशैली अपनाकर कस्बा इचार्ज ने उसका सामाजिक कत्ल कर दिया इसका जिम्मेदार कौन? पत्रकार गौरव सिंह चौहान की जो सामाजिक प्रतिष्ठा छिन्न भिन्न हुई है उसको कस्बा इचार्ज वापस ला सकते है।

मामले की शिकायत कप्तान से लेकर सीएम योगी तक की जा चुकी है। सीओ मिश्रिख के जांच के आदेश मिले है। अब जरूरत इस बात की है कि जांच भी ईमानदारी के साथ होनी चाहिए। जांच में कस्बा इचार्ज स्टाफ के है इस लिये जांच को प्रभावित नही होना चाहिए? गौरव सिंह चौहान काण्ड को लेकर पत्रकारों का शिष्ठ मण्डल लगातार जांच अधिकारी सीओ के सम्पर्क में है। हालांकि सीओ ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्षता के साथ होगी। गौरव सिंह चौहान एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र का संवाददाता है। इस कारण समाचार पत्र की टीम भी व अन्य पत्रकार भी पत्रकार संगठनों के सम्पर्क है और इस बात पर मंथन चल रहा है कि अगर जांच निष्पक्षता से नही हुई और जांच में कस्बा इचार्ज स्टाफ के है इस बात का ध्यान रखा गया तो पत्रकार व संगठन भी कोई बड़ी रणनीति अपना सकते है। क्योंकि प्रथम दृष्टया जो सुनाई और दिखाई दे रहा है, उसमें गुनाहगार कस्बा इचार्ज शैलेन्द्र सिंह कनौजिया ही साबित हो रहे है। पुलिस अधिकारियों द्वारा जो जानकारी दी जा रही है उसके अनुसार पत्रकार गौरव सिंह एक फास्ट फूड का ठेला कस्बा इचार्ज को खल रहा था लेकिन साथ में सवाल यह भी है कि सीओ कार्यालय के बाहर ही सड़क पर न जाने कितने ठेले लग रहे है वह कस्बा इचार्ज को नही दिखाई दिये और बसती के अन्दर खाली पड़े प्लाट पर लग रहा ठेला कस्बा इचार्ज को दिखाई दिया और वहां जाकर हंगामा करने लगे। क्या कोई पत्रकार ईमानदारी से अपने परिवार का पेट पालन नही कर सकता है।

जो पत्रकार कस्बा इचार्ज की हां में हां नहीं मिलायेगा। कस्बा चचार्ज उसे हवालात की हवा खिला देगें। प्रथम दृष्टया तो पत्रकारेां का शिष्ठ मण्डल भी जांच अधिकारी सीओ से यही उम्मीद कर रहा है कि जांच आख्या में पूरी निष्पक्षता को कायम रखेगे और दूसरे से न करवाकर स्वयं करने की उम्मीद जतायी जा रही है। मिश्रिख कोतवाली में पत्रकारों के साथ रंजिश निकाली जा रही है। मिश्रिख कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंतौजा निवासी पत्रकार पवन मिश्रा को एक कत्ल में गलत तरीके से लिखाया गया जब कल्त की घटना को अंजाम दिया गया तब पत्रकार पवन पंतौजा मिश्रिख से करीब 150 किलेामीटर अपने स्कूल में थे। इसके बाद पत्रकारों गौरव सिंह चौहान पर कस्बा इचार्ज ने कहर ढाया और आज दबंगों ने एक पत्रकार की इतनी पिटाई कर दी कि वह जिला अस्पताल में भर्ती है। मिश्रिख कोतवाली पुलिस पर आरोप लग रहे है कि वह क्षेत्र के अपराधियों को काबू में नही कर पा रही है। केवल हकीकत का प्रकाशन करने वाले पत्रकारों पर कहर बरपाया जा रहा है।

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पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर युवक ने ​खाया जहरीला पदार्थ | #TEJASTODAY चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। क्षेत्र के पारा कमाल गांव में पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर बुधवार की शाम युवक ने किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। आनन फानन में परिजनों ने उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। क्षेत्र के पारा कमाल गांव निवासी पिंटू राजभर 22 पुत्र संतलाल बुधवार की शाम पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर घर में रखा किटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया। हालत गंभीर होने पर परिजन उपचार के लिए पुरुष चिकित्सालय लाया गया। जहां पर हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

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