जर्जर दीवार, पन्नी का लिंटर, यहीं बैठकर पढ़ते हैं सरकारी स्कूलों के बच्चे
जर्जर दीवार, पन्नी का लिंटर, यहीं बैठकर पढ़ते हैं सरकारी स्कूलों के बच्चे
शहर के प्राथमिक विद्यालय कबूलपुरा दो नम्बर
अंकित सक्सेना
बदायूं। शिक्षा और बच्चों का भविष्य सुधारने के वादे भले कितने ही हो लेकिन जमीनी सच सबको पता है। सरकारी स्कूलों का हाल भी किसी से छिपा नहीं है। पढ़ाई तो यहां की जगजाहिर है ही लेकिन स्कूलों के भवनों का हाल भी बेहाल है। शहर में स्थित 23 में से तकरीबन 10 स्कूलों की हालत ऐसी हैं कि जहां बच्चों और शिक्षकों को बैठने से भी डर लगता है। कहीं पुरानी ईंटों की जर्जर दीवारें हैं तो कहीं पन्नी को तानकर ही लिंटर बना दिया गया है। अब धूप और बारिश के बीच पढ़ना और पढ़ाना दोनों ही मजबूरी है।
शहर के प्राथमिक विद्यालय कबूलपुरा, नंबर तीन की छत बारिश के दिनों में लगातार टपकती रहती है। स्कूल स्टाफ के अनुसार, एक दिन अचानक स्कूल की छत गिर गई जिसके बाद पन्नी की मदद से छत को तैयार किया गया। गनीमत थी कि जब छत गिरी तो उस समय गर्मी की छुट्टी चल रही थी जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। प्राथमिक विद्यालय कबूलपुरा नंबर दो का भवन भी सालों पहले कंडम घोषित कर दिया गया था। इस स्कूल की छत तो दूर अधिकतर दीवारें तक जर्जर होकर टूट चुकी हैं। इसके बाद स्टाफ ने खुले आसमान के नीचे छात्र-छात्राओं को पढ़ाना शुरू कर दिया था। बाद में स्टाफ ने पन्नी तानकर बच्चों को उसके नीचे बैठाकर पढ़ाना शुरू कर दिया है।
तमाम स्कूलों के हालात यही, सुनने वाला कोई नहीं
केवल यही दो स्कूल ही नहीं, बल्कि प्राथमिक विद्यालय लालपुल, फरशोरी टोला, खंडसारी एक और खंडसारी दो नंबर की स्थिति भी अत्यंत खराब है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राएं खुले में पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षक आपरेशन कायाकल्प की धनराशि से टिन शेड और तिरपाल आदि डालकर काम चला रहे हैं। इन स्कूलों के स्टाफ के अनुसार कई बार अधिकारियों को इसके बारे में बताया है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।
छत न होने से चोरी की भी रहती है आशंका
अधिकतर जर्जर स्कूलों की छत नहीं होने की वजह से जहां छात्र-छात्राओं और स्टाफ को परेशानी होती है। वहीं स्कूलों में चोरी का डर भी सताता रहता है। ऐसे में अधिकतर कीमती चीजें पड़ोस के घरों में या अपने साथ ले जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। कई स्कूलों में शौचालय नहीं हैं। ऐसे में स्टाफ और बच्चे दोनों परेशान होते हैं।
सखानूं में लिंटर का प्लास्टर टूटकर गिरने से छात्र हो चुका है घायल
संविलियन विद्यालय सखानूं की भी बिल्डिंग जर्जर है। इसको कंडम घोषित किया जा चुका है लेकिन अब तक विभाग की तरफ से इस बिल्डिंग को ध्वस्त कराकर नई बिल्डिंग बनाने की तरफ ध्यान नहीं दिया गया है। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि 18 अगस्त को लिंटर का प्लास्टर टूटकर छात्र अरुण के ऊपर गिरा जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। शिक्षकों ने तुरंत उसका इलाज कराया।
क्या बोले जिम्मेदार…
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनन्द प्रकाश शर्मा ने कहा कि शहर में जो स्कूल जर्जर हालत में हैं, उनका चिह्नीकरण कराया जा रहा है। चिह्नीकरण होने के बाद में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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