जिले के सात स्कूलों पर लगा ताला, जानिए क्या है मामला
जिले के सात स्कूलों पर लगा ताला, जानिए क्या है मामला
अंबेडकरनगर। जिले में नियम कानून ताक पर रखकर चल रहे स्कूलों को चिह्नित कर बंद कराने की मुहिम बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने शुरू की है। इसके चलते ही गुरुवार को बीएसए बीपी सिंह व बीईओ शबिस्ता परवीन की अगुवाई में गठित अलग अलग टीमों ने सघन कार्रवाई कर बिना मान्यता के चल सात विद्यालयों कोबंद कराकर मौके पर ताला जड़ा गया। साथ ही संचालकों को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
बीएसए ने चेताया है कि बिना मान्यता के चोरी छिपे चल रहे स्कूलों के संचालक अपने यहां पढ़ रहे बच्चों का नामांकन 30 अप्रैल तक नजदीकी परिषदीय विद्यालय में करा कर स्कूलों का संचालन स्वत: बन कर दें। एक मई से संचालित सघन अभियान में पकड़े जाने पर आरोपी स्कूल संचालक के खिलाफ एक लाख रुपया का जुर्माना लगाने के साथ ही पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी होगी।
बिना मान्यता के संचालित स्कूलों में मानक के इतर गुणवत्ता विहीन शिक्षा देकर बच्चों का भविष्य दांव पर लगाने वालों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू की है। इसके चलते ही बीएसए बीपी सिंह गुरुवार को जलालपुर तहसील पहुंचे। वहां से बीईओ केपी सिंह को साथ लेकर उन्होंने कई निजी विद्यालयों पर पहुंचकर उनके मान्यता संबंधित दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। इनमें कुछ विद्यालयों की मान्यता तो थी लेकिन साफ सफाई, पेयजल और शिक्षण व्यवस्था की स्थिति मानकों के अनुरूप न मिलने पर खामियां दूर कराने को निर्देशित किया गया। इस दौरान जहांगीरपुर में एक और लखनिया में संचालित दो विद्यालय बिना मान्यता के ही अवैध तौर पर संचालित होते मिले। इन पर ताला जड़ कर बंद कराने के साथ ही यहां पढ़ने वाले सभी 196 बच्चों का नामांकन नजदीकी परिषदीय विद्यालय में कराया गया।
दूसरी तरफ कटेहरी की खण्ड शिक्षा अधिकारी शबिस्ता परवीन ने भी एआरपी डॉ अशर्फीलाल गुप्त, बृजेश कुमार इत्यादि के साथ संचालित विद्यालयों की जांच पड़ताल की। इस दौरान हीरागंज, मरथुआ सरैया, यरकी और आनंदनगर में बिना मान्यता के अवैध तरीके से संचालित चार विद्यालयों को पकड़ा। इन विद्यालय पर ताला जड़ने के साथ ही यहां पढ़ने वाले बच्चों का नामांकन नजदीकी परिषदीय स्कूलों में कराने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गयी है। बेसिक शिक्षा विभाग की इस कड़ी कार्यवाही से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप है।
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