रात के अंधेरे में एसडीएम ने कांपते कंधों पर डाला कम्बल
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। कड़ाके की ठंड में सबसे ज्यादा दिक्कत राहगीरों, श्रमिकों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को होती है। जो अपने जीव को चलाने के लिए रात दिन मेहनत करते हैं और ठंड में अपने लिए जरूरी कपड़े भी नहीं खरीद पाते हैं। उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने अब काम करना शुरू किया है। एसडीएम सदर शिखा शंखवार ने एक हफ्ते से अभियान चला रखा है। वह रात में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ कंबल लेकर निकलती हैं और सड़क पर चलने वाले हर उस व्यक्ति के कंधे पर कंबल डाल देती हैं जो ठंड से बचने के लिए आवश्यक कपड़े पहनकर नहीं दिखता है।
शिखा शंखवार बीती रात रैन बसेरा का निरीक्षण करने निकली थी। उन्होंने रैन बसेरे के अंदर मौजूद यात्रियों को चाय और समोसे खाने के लिए दिए। साथ ही आस—पास मौजूद ऐसे लोग जिनके पास कंबल नहीं था उन्हें ठंड से बचने के लिए कंबल दिए। सबसे बड़ी बात यह कि रास्ते में चलते हुए उन्हें जो भी राहगीर रिक्शा और ऑटो चालक या फिर भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करने वाले दिखे उनको भी कंबल देने का काम किया। सरकार की जो गाइडलाइन ठंड से लोगों को बचाने के लिए जारी की गई, उसका उन्होंने पालन किया और पूरी व्यवस्था पर खुद नजर रखते हुए कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दे रही है।
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