सहेज लो हर बूंद: कागजों में तालाब कब्जा मुक्त, धरातल पर कब्जे ही कब्जे
सहेज लो हर बूंद: कागजों में तालाब कब्जा मुक्त, धरातल पर कब्जे ही कब्जे
भू—गर्भ जल संरक्षण के लिये भारत माता की आरती करके किया गया दीपदान
खागा के पक्का तालाब को कब्जा मुक्त कराने को लेकर शुरू होगा वृहद आन्दोलन
गुड्डन जायसवाल
फतेहपुर। खागा नगर के पक्के तालाब के घाट पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय की अगुवाई में आयोजित गंगा आरती के दौरान व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ल की उपस्थिति में लिया गया निर्णय कि अगर एक सप्ताह के अंदर प्रशासन द्वारा पक्के तालाब का सुंदरीकरण की शुरुआत नहीं होती है तो शुरू होगा बृहद आंदोलन।
नगर के पक्का तालाब के संरक्षण संवर्धन के लिए भाद्रपद पूर्णिमा को भारत माता आरती और दीप दान कार्यक्रम आयोजित किया व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ला, बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने नगरवासियों के साथ भारत माता की आरती और दीप दान कर पूर्वजों को नमन किया। धरोहर जलाशयों को संवारने की न पहले किसी ने रुचि ली और न आज कोई ध्यान देर रहा है। खागा नगर के केंद्र बिंदु में स्थिति आज़ादी के आन्दोलन का गवाह पक्का तालाब आज भी प्रशासन की उपेक्षा के चलते तिल-तिल मरने को मजबूर हैं| भू गर्भ जल संग्रह के लिए अच्छी अच्छी बाते करने वाले प्रशासन की चुप्पी का दंश क्षेल रहा पक्का तालाब। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का गवाह, खागा की प्राचीन धरोहर पक्का तालाब प्रशासनिक उपेक्षा पर आंसू बहा रहा है।
वर्ष 1860 में मिर्जापुर के एक व्यापारी द्वारा बनवाया गया पक्का तालाब मौजूदा समय में कूड़ाघर बन गया है। चारों ओर बसी आबादी से निकलने वाले कचरा तालाब के गर्भ में पहुंच रहा है। स्थानीय नागरिक भी प्राचीन धरोहर को उसका असली स्वरूप न मिलने से व्यथित हैं। ऐसा नहीं है कि शहर स्थित सरोवरों को संवारने की आवाज नहीं उठी। बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने पूर्व में कई बार स्वयंसेवकों के साथ पक्का तालाब जाकर उसके आस-पास रहने वाले परिवारों से मुलाकात कर चुके हैं। बुंदेलखण्ड राष्ट्र समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में 200 वर्ष पुराने पक्का तालाब बचाने एवं उसके जीर्णोधार हेतु आईजीआरएस के माध्यम से मुख्यमंत्री जी से मांग की गई। उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, नगर पंचायत, जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर मांग किया। पक्का तालाब पर दीप जलाए गएये। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर खून से खत लिखा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी से मांग किया। हस्तक्षर अभियान चलाया गया। रक्षा बंधन पर पक्का तालाब में रक्षा सूत्र बांधा गया।
विश्व धरोहर दिवस पर एक दिवसीय प्रदर्शन पक्का तालाब पर किया गया। श्री पाण्डेय ने बताया कि इस पक्का तालाब का इतिहास देश आजादी से पूर्व का है। मिर्जापुर के एक व्यापारी ने सदियों पहले 40 हजार रूपये की लागत से पक्का तालाब का निर्माण कराया था। मौजूदा समय में देखरेख व संरक्षण के अभाव में इसका अस्तित्व मिटने की कगार पर पहुंच चुका है। आजादी की बुलंद गाथा का गवाह, ऐतिहासिक पक्का तालाब प्रशासन की अनदेखी से गंदगी और अव्यवस्था का शिकार बना हुआ है। आलम यह है कि तालाब का पानी पूरी तरीके से हरा हो चुका है। इसमें पड़ी गंदगी जलीय जीवों के लिए मौत का कारण बन रही है। तालाब के आस-पास तथा इसके अंदर गंदगी होने से दुर्गंध फैल रही है। ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए रखने के लिए पक्का तालाब का जीर्णाेद्धार कराया जाना नितांत आवश्यक व हितकारी है। कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं जिसकी वजह से समिति के स्वयंसेवक व नगर क्षेत्र के समाजसेवियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। नगर के जलाशयों की चिंता करने वाले लोगों का कहना है कि चाहे पक्का तालाब हो या धुमन गंज का तालाब, विजय नगर का तालाब, रावण मैदान का तालाब या अन्य तालाब, जिला प्रशासन तालाबों के संरक्षण को लेकर कभी गंभीर नहीं दिखा।
भू-माफिया की नजर
परिणाम यह रहे कि नगर के विकास के साथ भू-माफिया की नजर जलाशयों पर पड़ी और वे राजस्व अमले के साथ मिलीभगत कर नगर के तालाब ही बेच डाले। यही कारण है कि नगर के सरोवर अब कागजों में सीमित होकर रह गए हैं। जमीन कारोबारियों की नजर आज भी जलाशयों की जमीन हड़पने पर लगी है। नगर के जलाशयों को सरंक्षित कर उन्हें पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। तत्कालीन उपजिलाधिकारी अमित भट्ट द्वारा पक्का तालाब का सीमांकन कर उसके सौंदर्यीकरण की फाइल तैयार की थी। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद अतिक्रमण की भेंट चढ़ता जा रहा पक्का तालाबों के सीमांकन में राजस्व विभाग द्वारा अपेक्षित सहयोग न मिलता है। उपजिलाधिकारी अजय नारायण द्वारा भी प्रयास किया गया जिसकी वजह कई लोगों ने अवैध निर्माण खाली कर लिया। पक्का तालाब के लिए 18 लाख का बजट भी आवंटित हुआ लेकिन सफाई के नाम पर कुछ नही हुआ। इस अवसर पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष शिव चंद्र शुक्ला, युवा व्यापार मंडल खागा अध्यक्ष सूरज सिंह, राम प्रसाद, हिमालय, नास्ट्रोडमस त्रिपाठी, राम शरण, राजेश विश्वकर्मा, सीताराम, मनोज, कुंवर सिंह, अभिषेक, शेर सिंह, सूरज सिंह, अतुल साहू, धीरज मोदनवाल, ऋषि केसरवानी, अंसार अहमद, ओमी मिश्र, अवधेश मिश्रा, चेतन, अजय गोस्वामी, राहुल आदि उपस्थित रहे।
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