सलोन नपं: सभासद जांच की लगाते रहे गुहार, पीले ईटों व घटिया मसालों से नाला हो रहा तैयार
खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार मौन, मानकों को ताक पर रखकर डाली जा रही चटिया पिता—पुत्र मिलकर भी नहीं चला पा रहे सलोन नगर पंचायत, महज 7 माह के कार्यकाल में ही हो रही थू-थू
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। वक्त था चुनावी माहौल का चारों तरफ चेयरमैन पद के दावेदार घूम घूमकर चहुंओर विकास कराने के दावों की कसीदें पढ रहे थे। इसी बीच चार पहिया वाहन पर खड़े होकर होकर हाथ जोड़कर जिले की सलोन नगर पंचायत में एक सख्स भी घूम रहा था। ये वह सख्स था जिसने चुनाव नजदीक आते ही कुछ साड़ी व कम्बल बांटकर अपने आपको कुछ ही वर्षों में समाजसेवी होने का ग्रामीणों को एहसास दिला दिया था। लोगों में विश्वास जागा। सलोन नगर पंचायत के चुनाव में पूर्ण बहुमत से सलोन नगर पंचायत का चेयरमैन/अध्यक्ष जनता ने चुन लिया। वह सख्स चंद्रशेखर रस्तोगी के नाम से विख्यात हुआ। 7 महीना का कार्यकाल बीता किंतु जनता ने जो सोचा उस सोच पर मानो पानी सा फिर गया।
वर्तमान में पिता चेयरमैन तो बेटा ठेकेदारों के ठेकेदार का भी किरदार निभाता है या फिर यूं मानो कि चेयरमैन के पद की जिम्मेदारी पिता और पुत्र दोनों मिलकर सम्भाल रहे हैं परंतु सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है। चारों तरफ भ्रष्टाचार से हाहाकार मचा हुआ है परंतु दबी जुबान से आखिर बोले कौन? सभासदों के गुटों ने आवाज उठाई और गौशाला में देखरेख के अभाव में मर रहे गौवंशों की हालत दिखाई तो चेयरमैन के एक चहेते ने अपने कारनामों को छिपाने के लिए उल्टा एक सभासद पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया। सैकड़ों जनता से चुनकर सभासद बने लगभग एक दर्जन सभासदों ने डीएम हर्षिता माथुर को लिखित पत्र सौंपते हुए नाला निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच व कार्यवाही की मांग की पर नतीजा अब तक शून्य निकला। जांच के नाम पर कुछ मातहत खानापूरी कर चलते बने।
बताते चलें कि सलोन कस्बा से होकर रायबरेली प्रतापगढ़ मार्ग के किनारे से गुजर रहा है जिसमें पीटे ईंटों घटिया मसालों का खुल्लम खुल्ला प्रयोग किया जा रहा है। नालों के ऊपर मुख्य मार्गों पर जो चटिया डाली जा रही है, उसमें नाम मात्र कि सरिया व घटिया मसालों का उपयोग किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि निर्माणाधीन भ्रष्टाचार का नाला जल्द ही गिरकर धरासाई हो जायेगा और तो और पीले ईंटों को छिपाने के लिए आनन—फानन में प्लास्टर कर के पीले ईंटो को छिपा भी दिया गया है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है किंतु अंधेरी नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर भाजी जैसे कहावतों की तर्ज पर चलने वाली सलोन नगर पंचायत के जिम्मेदारों ने सार्वजनिक स्थानों व वार्डों में अलाव तक जलवाने में भी खानापूरी करते नजर आए। हाल ही में अलाव को लेकर एक सभासद से नगर पंचायत के चालक ने अभद्रता भी कर डाली जिससे नाराज सभासदों ने थाना पर तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।
अब सवाल यह उठता है कि जब सात माह के कार्यकाल में यह घमासान मचा है तो आखिर सलोन नगर पंचायत की 5 वर्ष की नैया कैसे पार होगी। विधायक बनने का ख्वाब देखने वाले कथित समाजसेवी चेयरमैन व चंद्रशेखर रस्तोगी आने वाले 2027 के चुनाव में किन विकास के दावों को रखकर जनता के बीच में चुनाव लड़ेंगे…? विदित हो कि ये वही चंद्रशेखर रस्तोगी हैं जो बीते 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी पुत्र वधू को सलोन विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी बनाकर गांव और गलियों में वोट मांगे थे किंतु करारी हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि समय का चक्र घूमा चेयरमैन पद के जीत का माला जरुर पहने किंतु कारनामों से आज सलोन की जनता अकुला कर पूछ रही है कि इन नाला निर्माण से लेकर अन्य कामों में खुल्लमखुल्ला हो रहे भ्रष्टाचार को जानकर भी चेयरमैन चंद्रशेखर रस्तोगी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं यह एक सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
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