अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर रूरल बार ने भरी हूंकार

अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर रूरल बार ने भरी हूंकार

योगेश मिश्र
प्रतापगढ़। अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को लागू करने तथा हापुड़ में साथी वकीलों पर लाठीचार्ज के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन ने मंगलवार को कचेहरी में हुंकार भरी। कचहरी परिसर में एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल तथा प्रदेश अध्यक्ष मुक्कू ओझा की अगुवाई में वकीलो ने नारेबाजी कर जोरदार विरोध जताया। एसोसिएशन की आम सभा में हापुड़ में पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अभी तक सरकार द्वारा वहां के डीएम एसपी के तबादले न करने को लेकर भी आक्रोश दिखा। वहीं जिले के डीएम के द्वारा भी एसोशिएसन का राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन न लेने को लेकर सर्वसम्मत से डीएम के आचरण को लोक आचरण के विपरीत करार देते हुए निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने कहा कि सरकार जानबूझ कर अधिवक्ताओं की मांगों को अनसुनी किये हुए है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता सुरक्षा कानून को जब तक लागू नही किया जाएगा तब तक यह आंदोलन दिनोंदिन तेज होगा। वहीं ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने जिले के डीएम के द्वारा भी हडताल की आड़ में कचहरी से किनारा कसने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जिला प्रशासन पर असंवेदनशीलता का आरोप मढ़ा। अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मुक्कू ओझा ने कहा कि अधिवक्ता हितों के साथ खिलवाड करने वालों को इस आंदोलन के जरिए मुंहतोड़ जबाब मिलेगा। जूनियर बार के पूर्व महामंत्री जेपी मिश्र ने कहा कि हापुड़ में लाठीचार्ज तथा लखनऊ में वकीलो पर पुलिस द्वारा फर्जी केस को लेकर सरकार की खामोशी चिंताजनक है। संचालन एसोशिएसन के जिलाध्यक्ष अंजनी सिंह बाबा ने किया। आम सभा में जिले के डीएम को लेकर भी अधिवक्ताओं मे आक्रोश देखा गया। रूरल बार एसोशिएसन द्वारा हाल ही में छः सितंबर को भी विरोध प्रदर्शन कर अधिक्ता सुरक्षा अधिनियम को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को देने का निर्णय लिया गया था। तब डीएम के बाहर होने की बात कहकर एडीएम और सीआरओ ज्ञापन लेने पहुंचे थे पर नाराज वकीलों ने एडीएम व सीआरओ को बैरंग वापस भेज दिया। मंगलवार को भी वकीलों ने डीएम को ज्ञापन देने की सूचना कैम्प कार्यालय भेजवायी। वहां से डीएम की व्यस्तता बताते हुए किसी अधिकारी को ज्ञापन के लिए भेजवाये जाने की बात कही गयी। हालांकि इस प्रस्ताव को रूरल बार के पदाधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया। आमसभा को विनय सिंह, आशीष श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह, बालजी ओझा, प्रशांत सिंह बंटी ने भी संबोधित कर सरकार पर वकीलों के उत्पीड़न में खामोशी का आरोप लगाया। इस मौके पर शिवम सिंह, अश्विनी सिंह, गौरव सिंह, राहुल गुप्ता, संजय पाण्डेय, अवनीश शुक्ल, अमित दूबे, गणेश सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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