फर्जी रिपोर्ट लगाने में माहिर हैं उतरौला ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी
गौशाला में मृत पायी गयी गायों को लेकर जिले के उच्चाधिकारियों से किया गया था शिकायत
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी
उतरौला, बलरामपुर। जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लाखों रुपए खर्च करके ग्राम पंचायतों में गौशाला का निर्माण कराया गया। गौशाला में जानवरों को समुचित व्यवस्था देने के लिए शासन से लाखों रुपए दिए भी दिए जाते हैं। छुट्टा जानवरों को लेकर योगी सरकार जहां एक तरफ गंभीर नजर आ रही है। जनपद के गौशालाओं में व्यापक इंतजाम हो इसके लिए निर्देश दिया जाता है लेकिन विकास खंड उतरौला में उल्टी गंगा बहती दिखाई दे रही है मुख्यमंत्री योगी के निर्देश या आते—आते दम तोड़ देती है। किसी भी शिकायत पर फर्जी रिपोर्ट लगाने में माहिर है।
उतरौला विकास खड के अधिकारी फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले की कर देते हैं लीपापोती। मामला यहीं नहीं रुकता। जनपद के उच्च अधिकारियों को भी गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। ऐसा ही एक मामला विकास खंड उतरौला के ग्राम पंचायत महिली में देखने को मिला जहां स्थित गौशाला मे बड़ी संख्या में जानवर मृत पाई गई। मृत गाय गड्ढे में मिट्टी के नीचे दबी देखीं गई। जब इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी उतरौला संजय कुमार से की गई तो उनके द्वारा जांच व कारवाई का आश्वासन दिया गया लेकिन कार्रवाई करने के बजाय पंचायत सचिव को बचाने की कोशिश किया जाने लगा। जब मामला जिले के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो उनके द्वारा टीम गठित करके जांच करने का निर्देश दिया गया लेकिन उतरौला विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा ये कहते हुए उच्च अधिकारियों को गुमराह कर दिया जाता है कि मौके पर जांच किया गया तो वहां पर ऐसा कुछ नहीं मिला।
जब मृत गायों का वीडियो वायरल होता है तो खंड विकास अधिकारी उतरौला संजय कुमार पुनः दूसरी टीम भेजकर जांच करने की बात कहते हैं। अब सवाल उठता है कि अगर जांच रिपोर्ट में सब ठीक था तो फिर दुबारा जांच की आवश्यकता कैसे पड़ गई। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में समुचित व्यवस्था न होने के कारण भुख प्यास से बेजुबान जानवर गौशाला में गाय दम तोड़ रही है। पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा जानवरों के लिए खर्च होने के लिए आने वाले पैसे को मिलकर बंदरबांट कर लिया जाता है। जिससे बेजुबान जानवरों को नहीं मिल पाता समुचित व्यवस्था। वहीं उतरौला विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पंचायत सचिव पर कार्रवाई करने के बजाय बचाने में लगे हैं। कब तक गौशाला में बेजुबान जानवर दम तोड़ते रहेंगी और कब तक उतरौला विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारी ज़िले के उच्च अधिकारियों को गुमराह करके फर्जी रिपोर्ट लगाकर पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान को बचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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