साइकिल की हैंडिल से सपा विधायक के हाथ फिसलते ही बदली रायबरेली की सियासत
लोस चुनाव से पहले ही विधायक मनोज के शतरंज भरी चाल से चुनावी पंडितों को आया चक्कर आखिर एक म्यान में कैसे रहेंगी दो तलवारें? सोशल मीडिया पर सपा विधायक के भाजपा में शामिल होने की चर्चा
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली जनपद में दिग्गज नेताओं नेadidas yeezy salesapatos social feminino preto Portugalwerkzeug ledernew balance mrl420tb damskiesaias da stradivarius Portugalpennello a ventaglio make up amazoncustom soccer shirtsvans old skool mustardbracelet tendance femme 2022 Canadapuma x o moscowadidas yeezy salefronius symo hybrid batteriepoupéé lolguess messenger bag राजनीतिक तिकड़मबाजी से सियासी माहौल को रंग देना शुरू कर दिया है जो अब जिले के चौराहों व गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। दौर था 2022 के विधानसभा चुनाव का जहां जिले की ऊंचाहार विधानसभा की एक ऐसी जटिल सींट जिसमें राज्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल तक के दिग्गज नेताओं ने इस सीट को भाजपा के बेड़े में लाने के लिए पुरजोर आजमाइश किया था किंतु यह प्रयास असफल हुआ और भाजपा प्रत्याशी को जबरजस्त वोटों से हराकर सपा विधायक मनोज पांडेय ने पुनः विधायक पद का ताज पहन लिया था और जनता को सपा के प्रति भी विश्वास दिलाया था।
इधर रायबरेली के चिराग के नाम से मशहूर एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह योगी के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए जिसके बाद से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के नाम का सिक्का जिले ही नहीं, बल्कि लखनऊ मुख्यालय तक चलने लगा। समय का चक्र घूमता गया विधानसभा में सपा विधायक मनोज पांडेय की शरीर भले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ रहती थी किंतु यह सोचने में मुश्किल नहीं है कि अखिलेश यादव के साथ विधायक मनोज पांडेय का शरीर रहता था किंतु आत्मा देश की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ ही विचरण करती थी।
सपा विधायक मनोज पाण्डेय की कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें वह भाजपा नेताओं के साथ टेबल पर बैठकर चाय की चुस्कियां लेते नजर आए थे। इधर 2024 के लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही जैसे ही सर्द मौसम में करवट ली। वैसे ही सपा विधायक मनोज पाण्डेय के असली चेहरे से पर्दा उठा और जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि सपा विधायक मनोज पाण्डेय सपा से बागी होकर भाजपा में शामिल होने कि तैयारी में हैं। इस बात पर मोहर इसलिए लग रही है कि राज्य सभा में सपा के कुछ विधायकों ने सपा से बगावत कर भाजपा के पक्ष मे वोटिंग कर दी जिसमें सपा के कद्दावर नेता रहे मनोज पाण्डेय का नाम भी सुर्खियों में है। इस राजनैतिक हलचल से जिले का सियासी पारा गर्म हो चुका है।
हर जुबां पर सवाल यह है कि पिछले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान में राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने लड़ा था जिसमें इन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था किंतु मंत्री दिनेश प्रताप सिंह लगातार 5 वर्षों से 2024 के लोकसभा चुनाव के समीकरण को साधने को लेकर कांग्रेस पर आक्रामक रहते चले आ रहे हैं। यदि जानकारों की माने तो मंत्री दिनेश प्रताप सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव को लड़ने के लिए अंदर ही अंदर समीकरण साधे हुए हैं। अब सवाल यहां पर यह होता है कि यदि ऊंचाहार विधानसभा के बागी सपा विधायक मनोज पांडेय भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो आखिर भाजपा के एक म्यार में दो तलवारें कैसे रहेंगी….? क्या जिले में दोनों दिग्गज नेताओं को भाजपा संतुष्ट कर पायेगी…?
हाल ही में रायबरेली में 2023 के नगर पंचायत चुनाव में कैमरे के सामने चीख—चीख करके सदर विधायिका अदिति सिंह, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाने वाले सपा विधायक मनोज पाण्डेय राजनितिक मनमुटाव भूलकर एक साथ मन और तन से भाजपा को हो पायेंगे या फिर अंतर्कलह 2023 के नगर पंचायत के चुनाव की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव की भी रायबरेली जिले में लुटिया डुबो देगी….? इन यक्ष प्रश्नों का जिले के चौराहों व गलियारों में जोर-शोर से खोजने में चुनावी पंडितों का जत्था दिन-रात लगा हुआ है।
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