ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा! | #TejasToday
अजय पांडेय जौनपुर (टीटीएन) 06 अप्रैल। सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं का लाभ उठाने हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का नाम देकर जनता को केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है। जब ऑनलाइन की व्यवस्था सरकार द्वारा निर्गत की गई है तो फिर ऑफिशियल और हार्ड कॉपी की आवश्यकता क्यों? यदि है तो यह विभागीय कार्य के अंतर्गत आता है।
नियमावली के अनुसार सरकार को इस पर भी अपने कार्यालयों को निसंदेह आदेशित करना चाहिये। उन्हें निर्देशित करना चाहिए कि जिन प्रार्थिओं द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया है, उनकी हार्ड कॉपी पहुंचे अथवा न पहुंचे लेकिन आवेदक को उस योजना का लाभ मिलना चाहिये, अन्यथा ऑनलाइन की सभी व्यवस्थाओं को रद्द करते हुए पूर्व की भांति कार्यालय लिपिकों द्वारा जो कार्य हो रहा था, उसी प्रकार कराया जाए। बता दें कि जनपद में तमाम ऐसे गरीब परिवार विभिन्न जातियों के हैं जिन्होंने अपनी कन्याओं के विवाह हेतु सरकार की तरफ से मिलने वाली निधि अनुदान के लिये ऑनलाइन आवेदन किया परंतु हार्ड कॉपी न जाने के कारण लाभ नहीं मिला। अब इसे या फीलगुड की भाषा समझा जाए या कार्य में अनियमितता समझा जाए? ऐसे लोगों को सरकारी योजनाओं से लाभ नहीं मिल सका है और न ही आगे मिलने की संभावना है। इस पर सरकार को गहन चिंतन करना चाहिये।
जिले के आला अधिकारियों को निर्देशित करना चाहिए कि जिन जिलों में किसी भी योजना का लाभ लेने के लिये जो भी व्यक्ति ऑनलाइन यदि अपना रजिस्ट्रेशन करता है तो पहले उसकी आख्या लेकर उसकी जांच कराकर पात्र/अपात्र घोषित करें। यदि पात्र है तो उसे लाभ सरकार द्वारा दी गई योजनाओं का मिलना चाहिये। सरकार द्वारा चलाई जा रही वृद्धा योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि हेतु जिस प्रकार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने पर उन्हें उसका लाभ मिल रहा है, उसी प्रकार से सरकार द्वारा चलाई जा रही सारी लाभान्वित योजनाओं का लाभ समग्र पात्र को मिलना चाहिये। जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात भी शादी विवाह योजना के तहत मिलने वाला लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट होना चाहिये कि उनके इस योजना को पूर्ण करने के लिये सफल बनाने हेतु उन्हें इस पर गहन चिंतन करने की आवश्यकता है।