डीआईजी ने टीम को पुरस्कार देकर किया सम्मानित
जितेंद्र सिंह चौधरी/अतुल राय
वाराणसी। कुछ दिन पहले ही लालपुर और पांडेपुर थाने में आईजीआरएस में पति के द्वारा एक एप्लीकेशन डाला गया था। अश्वनी श्रीवास्तव पति ने आईजीआरएस के जरिए प्रार्थना पत्र दिया जो महिला सहायता प्रकोष्ठ में गया। जिसकी जांच महिला सहायक प्रकोष्ठ ने किया। जिसमें पीड़िता का कुछ भी पता नहीं चल पाया और जांच वापस चली गई। इस पर शासन द्वारा आपत्ति प्रकट की गई। फिर वह जांच एडिशनल डीसीपी ममता रानी के पास आई।
जिसपर संज्ञान में लेते हुए उक्त पीड़िता को खोजने के लिए एडिशनल डीसीपी ममता रानी ने टीम लगाई। जिसके अनुकरण में महिला के माता-पिता को बुलाया गया और बुलाने के बाद पूछताछ में ज्यादा स्थिति स्पष्ट नहीं थी। जब एडिशनल डीसीपी ने इस पर लीगल एक्शन लिया तो सच्चाई यह सामने आई की पीड़िता के जाने के एक हफ्ते बाद इंस्टाग्राम मैसेज आया था। इंस्टाग्राम कॉलिंग को डिज्नी द्वारा सर्विलांस पर नंबर चलाया गया और शाम होते होते 10 घंटे के अंदर ही लड़की ट्रेस हो गई। जब पीड़िता के द्वारा पूछताछ की गई तो पीड़िता ने बताया कि जिससे उसकी शादी हुई वह पूरी तरह से अशिक्षित था।
ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था और गरीबी था। मां—बाप ने गरीबी के नाते मजबूरी में अपने ही मौसी के रिश्ते में बेटे से शादी कर दी थी। गायब युवती को सकुशल बरामद करने पर डीआईजी संतोष सिंह ने पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए नगद इनाम से सम्मानित किया। लड़की को सकुशल बरामद करने वालों में सर्विलांस टीम के अलावा कांस्टेबल आरके दुबे व कांस्टेबल खुशबू शामिल रहीं।
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