प्रधानमंत्री ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयां राष्ट्र को की समर्पित
प्रधानमंत्री ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयां राष्ट्र को की समर्पित
जयेश बादल
ललितपुर। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंक इकाइयां (डीवीयू) राष्ट्र को समर्पित की। इस मौके पर उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाएगी और नागरिकों के लिए बैंकिंग अनुभव को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि डीबीयू आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस तरह के बैंकिंग सेटअप में, सरकार का लक्ष्य न्यूनतम बुनियादी ढांचे के साथ अधिकतम सेवाएं प्रदान करना है, और यह सब बिना किसी कागजी कार्रवाई के डिजिटल रूप से होगा। यह एक मजबूत और सुरक्षित बैंकिंग प्रणाली प्रदान करते हुए बैंकिंग प्रक्रिया को भी सरल करेगा। “छोटे शहरों और गावों में रहने वाले लोगों को ऋण लेने के लिए धन हस्तांतरित करने जैसे लाभ मिलेंगे। डिजिटल बैंकिंग यूनिट उस दिशा में एक और बड़ा कदम है जो भारत के आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए देश में चल रहा है”।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य आम नागरिक को सशक्त बनाना और उन्हें शक्तिशाली बनाना है, और इसके परिणामस्वरूप, अंतिम व्यक्ति और पूरी सरकार को उनके कल्याण की दिशा में आगे बढ़ने को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाई गईं। “यूपीआई ने भारत के लिए नई संभावनाएं खोली हैं.” प्रधान मंत्री ने आगे कहा, “जब वित्तीय साझेदारी को डिजिटल साझेदारी के साथ जोड़ा जाता है, तो संभावनाओं की एक पूरी नई दुनिया खुल जाती है। यूपीआई जैसा बड़ा उदाहरण हमारे सामने है। भारत को इस पर गर्व है क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली तकनीक है।” उन्होंने बताया कि आज 70 करोड़ स्वदेशी रूपे कार्ड चल रहे हैं, जो विदेशी खिलाड़ियों के जमाने और ऐसे उत्पादों के अभिजात्य स्वभाव से बहुत बड़ा बदलाव है।
उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने में डीबीटी की भूमिका की भी प्रशंसा की और कहा कि 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के माध्यम से विभिन्न योजनाओं में हस्तांतरित की गई है। उन्होंने बताया कि वह कल किसानों को अगली किश्त हस्तांतरित कर देंगे। “आज पूरी दुनिया इस डीबीटी और भारत की डिजिटल शक्ति की सराहना कर रही है। आज इसे ग्लोबल मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है। विश्व बैंक यहां तक कह चुका है कि भारत डिजिटलीकरण के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी बन गया है”, प्रधानमंत्री ने कहा वर्तमान सरकार ने किस प्रकार व्यवस्था में परिवर्तन किया है, इस पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने बताया कि पारदर्शिता मुख्य फोकस रहा है।
उन्होंने आगे कहा, एनपीए की पहचान में पारदर्शिता लाने के बाद बैंकिंग सिस्टम में लाखों करोड़ रुपये वापस लाए गए। हमने बैंकों का पुनर्पूजीकरण किया, विलफुल डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई की और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में सुधार किया। अपने संबोधन के समापन में, प्रधान मंत्री ने गांवों के छोटे व्यवसाय मालिकों से पूरी तरह से डिजिटल लेनदेन की ओर बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने बैंकों से देश के लाभ के लिए पूरी तरह से डिजिटल होने के लिए 100 व्यापारियों को उनके साथ जोड़ने का भी आग्रह किया। इसी तत्क्रम में जिला अग्रणी प्रबंधक के द्वारा आडोटोरियम हाल रामनगर में लाइव टेलीकॉस्ट के प्रसारण का आयोजन एंव इनसे जुड़ी जानकारियां दी गई। कार्यक्रम में मनोहर लाल पंथ श्रम एवं सेवायोजन मंत्री उत्तर प्रदेश कैलाश निरंजन जिला पंचायत अध्यक्ष, सदर विधायक प्रतिनिधि श्रीकांत कुशवाहा, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पांडेय एवं बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।
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