मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत: एसपीजीआई में खुलेंगे 3 नये विभाग
कैंसर के उपचार के लिये नहीं जाना पड़ेगा अब दूसरे शहर शुभम जायसवाल लखनऊ। सूबे के सबसे प्रीमियर मेडिकल संस्थान यानी एसपीजीआई मरीजों को बड़ी राहत देने जा रहा हैं। संस्थान ने मरीजों को सौगात देते हुए 3 नए विभाग खोले जाने का फैसला लिया हैं। अहम बात यह है कि यह सभी विभाग बेहद खास है और फिलहाल इन विभागों के जरिये जिन मरीजों को यह सुविधा दी का रही हैं, वो विभाग उत्तर प्रदेश के अन्य चिकित्सा संस्थानों में मौजूद नही हैं।
एसपीजीआई यानी संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में तीन नए विभाग खुलेंगे। संस्थान की 96वीं जनरल बाड़ी मीटिंग में सिर और गर्दन की सर्जरी, बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलाजी, संक्रामक रोग और वैक्सीन अनुसंधान के नए विभागों के सृजन को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के किसी भी अस्पताल में सिर और गर्दन सर्जरी विभाग नहीं था। संस्थान में यह विभाग सिर और गर्दन के कैंसर का उपचार करेगा जो उत्तर प्रदेश में पाए गए कुल कैंसर के मामलों का 21% है। जनरल बाडी ने नर्सिंग कालेज में बीएससी और एमएससी की सीटों में वृद्धि सहित विभिन्न विभागों में नए पाठ्यक्रमों को भी मंजूरी दी है। बैठक में मौजूद रहे चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने ओवरआॅल कार्यक्षमता में सुधार और एकेडमिक स्टैंडर्ड में सुधार के सुझाव दिए।
निदेशक ने तैयार किया खाका संस्थान में बुधवार को हुई निकाय बैठक में निदेशक प्रो. आरके धीमन और रजिस्ट्रार कर्नल वरुण वाजपेयी ने प्रशासनिक मामलों के साथ नए विभागों की शुरूआत, रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से संबंधित विभिन्न एजेंडा पेश किया।
नये विभाग से यह मिलेगा फायदा निदेशक प्रो. आरके धीमन की माने तो इन नए विभाग के बनने के बाद सिर और गर्दन के कैंसर का बेहतर और संगठित तरीके से इलाज किया जाएगा। बाल एंडोक्रिनोलाजी विभाग में बच्चों के शारीरिक विकास और किशोरावस्था से जुड़ी समस्याओं का उपचार होगा। संस्थान ने वर्ष 2001 में बाल एंडोक्रिनोलाजी में पहला औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। विभाग बनने के बाद अब मधुमेह, मोटापा, थायराइड और बच्चों से जुड़े विकारों को बेहतर उपचार हो सकेगा। वही कोविड महामारी के बाद संक्रामक रोग और वैक्सीन विकास विभाग की बहुत जरूरत थी। तीसरा नया विभाग इसी को समर्पित होगा। यह स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफेलाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस और कोरोना जैसे संक्रामक रोगों से निपटेगा। नए विभागों में विशेष उपचार की उपलब्धता से उत्तर प्रदेश को दीर्घकालिक लाभ होगा।
नये विभाग के खुलने से ऐसे मरीजों को मिलेगा रिसर्च बेस्ड इलाज प्रो. आरके धीमन ने भास्कर को बताया कि संस्थान के लिए यह बड़ा कदम मील का पत्थर साबित होगा। खास तौर तौर पर प्रदेश के मरीजों को इससे बहुत फायदा मिलने जा रहा हैं। नया विभाग खुलने से ओरल कैंसर के मामलों को समय से उपचार किया जा सकेगा। इसके अलावा वैक्सीन से जुड़े विभाग के खुलने से रिसर्च और शोध में बढ़ावा हो सकेगा।
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