धान खरीद केन्द्र संचालक कर रहा जबर्दस्त घोटाला
धान बेचने गये किसानों को लौटाया जाता है बैरंग
किसानों को दी जाती है तारीख पर तारीख
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। स्थानीय क्षेत्र के धान खरीद केंद्रों पर किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है। किसानों को धान खरीद के लिए जहां लंबी-लंबी तारीखे दी जाती है। वहीं व्यापारियों का धान रात के अंधेरे में बिना डस्टर लगाए और बिना तौल किए सीधे अनलोड किया जा रहा है। केंद्रों पर तैनात अधिकारी कुछ इस प्रकार बेलगाम हैं कि किसानों का धान खरीदना तो दूर उनसे सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। दरअसल तहसील क्षेत्र में दो धान क्रय केंद्र बनाए गए। खरीद केंद्रों का बीती रात व्यापारी का धान अनलोड करते हुए वीडियो वायरल हुआ है।
वायरल वीडियो में पिकअप से धान की बोरियां उतारकर किसान की तौल की गई। बोरियो के साथ लाट में लगाया जाता है और उसके बाद सीधे ट्रक में लोड कर दिया जाता है। देर शाम पहला वाकया क्षेत्र के ऊंचाहार नगर के निकट खाद रसद विभाग द्वारा लगाए गए क्रय केंद्र पर देखने को मिला जहां रात के करीब 8 बजे एक पिकअप से धान अनलोड किया जा रहा है। वहीं दूसरा वीडियो बीकरगढ़ के क्रय केंद्र पर देखने को मिला जहां शाम 5 बजे किसानों का धान बिना खरीद किए उन्हें बैरंग वापस कर दिया गया। वहीं रात के 8 बजते ही बिचौले व्यापारियों का धान पिकअप से आना शुरू हुआ और उसका भी एक वीडियो वायरल हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक किसान से प्रति कुंतल की दर से एक निश्चित राशि की मांग की जाती है, न देने पर उनका धान नहीं लिया जाता और उन्हें बैरंग वापस कर दिया जाता है। क्रय केंद्र द्वारा उन्हें एक महीने, दो महीने की तारीख दी जाती है। वहीं व्यापारियों का धान जबकि शासन के निर्देशानुसार शाम 5 बजे केंद्र बंद कर दिया जाता है उसके बाद उनका धान खरीदा जाता है और वह भी बिना डस्टर लगाए, बिना तोल किए बिक्री कार्य शुरू हो जाता है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की इस सरकार में भ्रष्टाचार इस कदर कैसे पनप रहा है और इसको कौन संरक्षण दे रहा है? बीकरगढ़ केंद्र की शिकायत पर रात में पहुंचे तहसीलदार ने केंद्र की जांच की उस समय केंद्र प्रभारी वहां मौजूद नहीं पाई गई, उनका सहायक आशीष वर्मा केंद्र पर मौजूद मिला जो स्टॉक रजिस्टर नहीं प्रस्तुत कर सका। वहीं शुक्रवार की सुबह एसडीएम आशीष मिश्रा केंद्र का निरीक्षण किया और गंभीर खामियां पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि सुधार किया जाय, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
मौके पर मौजूद किसान राम लखन ने बताया कि जब वह अपने धान बेचने के लिए केंद्र पहुंचे तो पहले केंद्र प्रभारी से मुलाकात करना उनको मुश्किल पड़ गया उसके बाद जो मुलाकात हुई तो केंद्र प्रभारी ने उन्हें डांट कर भगा दिया। वहीं रामनेवाज ने बताया कि जब वह अपना धान बेचने गए तो उन्हें एक महीने बाद की तारीख दी गई जबकि उनकी बेटी की शादी होनी थी। इस कारण से मजबूर होकर उन्होंने 1600 प्रति कुंतल की दर से बाजार में बेचना पड़ा। इस बाबत उपजिलाधिकारी ने बताया कि जांच में खामियां पाई गई हैं। दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक पूरे दिन में तौल होती है। कुल 150 या 200 कुंतल लेकिन खारिज होता है। 600 कुंतल यानी की किसानो के अंगूठे लगाने में खेल किया जाता है। यदि अंगूठा लगाने आने वाले लोगो और तौल करने वाले लोगो की निगरानी की जाय तो मामला पकड़ा जा सकता है।
जिन किसानों की तौल की जा रही है यदि उनका धान के क्षेत्र फल का सत्यापन किया जाए तो भी सच्चाई सामने आ जाएगी, क्योंकि किसान के पूरे रकबे पर रिपोर्ट लगाई जा रही है जबकि उसी किसान द्वारा धान की बुआई का रकबा कम होता है।
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